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NASA ने दिखाई समुद्र में सक्रिय ज्वालामुखी 'डिसेप्शन आइलैंड' की हैरतअंगेज सैटेलाइट इमेज

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह आइलैंड व्हेल और सील के शिकार के लिए भी इस्तेमाल होता था। डिसेप्शन आइलैंड पर कुछ साइंटिफिक रिसर्च स्टेशंस भी हैं। हालांकि, इनमें से कुछ ज्वालामुखी में विस्फोटों के कारण नष्ट हो चुके हैं

NASA ने दिखाई समुद्र में सक्रिय ज्वालामुखी 'डिसेप्शन आइलैंड' की हैरतअंगेज सैटेलाइट इमेज

इस इमेज में ज्वालामुखी का ऊपरी हिस्सा दिख रहा है

ख़ास बातें
  • इस ज्वालामुखी में 19वीं सदी से अब तक 20 से अधिक विस्फोट हो चुके हैं
  • अंटार्कटिक में यह स्थान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है
  • इस इमेज को कुछ वर्ष पहले कैप्चर किया गया था
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की ओर से अक्सर ब्रह्मांड की हैरान करने वाली इमेज शेयर की जाती हैं। ये अंतरिक्ष के बारे में जानकारी हासिल करने के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। हालांकि, इस बार NASA ने अंटार्कटिक प्रायद्वीप पर मौजूद डिसेप्शन आइलैंड की हैरतअंगेज इमेज शेयर की है। 

दुनिया में यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां जहाज एक सक्रिय ज्वालामुखी में सीधे जा सकते हैं। NASA ने इंस्टाग्राम पर शेयर की गई इस इमेज के कैप्शन में लिखा है, "समुद्र के नीले पानी से घिरे डिसेप्शन आइलैंड की सैटेलाइट इमेज। इस आइलैंड पर चट्टानें और पहाड़ हैं और कुछ चोटियों पर सफेद बर्फ है। इसके नीचे एक स्थान से जहाज सीधे आइलैंड के मध्य में जा सकते हैं।" इस इमेज में ज्वालामुखी का ऊपरी हिस्सा दिख रहा है। इस इमेज को कुछ वर्ष पहले कैप्चर किया गया था। अंटार्कटिक में मौजूद दो सक्रिय ज्वालामुखी में डिसेप्शन आइलैंड शामिल है। इसमें 19वीं सदी से अब तक 20 से अधिक विस्फोट हो चुके हैं। 

हालांकि, यह स्थान बहुत निर्जन है लेकिन अंटार्कटिक में यह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस स्थान पर प्रति वर्ष 15,000 से अधिक पर्यटक आते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह आइलैंड व्हेल और सील के शिकार के लिए भी इस्तेमाल होता था। डिसेप्शन आइलैंड पर कुछ साइंटिफिक रिसर्च स्टेशंस भी हैं। हालांकि, इनमें से कुछ ज्वालामुखी में विस्फोटों के कारण नष्ट हो चुके हैं। 

NASA के James Webb स्पेस टेलीस्कोप ने हाल ही में ब्रह्मांड में सबसे दूर मौजूद तारे की इमेज खींची है। इसे 'Earendel' कहा जाता है। यह बिग बैंग के बाद पहले अरब वर्षों में मौजूद था। James Webb टेलीस्कोप ने इसे एक बहुत बड़े B - प्रकार के तारे के तौर पर दिखाया है। यह हमारे सूर्य से दोगुने से अधिक गर्म और लगभग 10 लाख गुना अधिक चमकीला है। NASA के अनुसार, सनराइज आर्क गैलेक्सी में मौजूद Earendel की खोज केवल टेक्नोलॉजी और ग्रेविटेशनल लेंसिंग कहे जाने वाले एक प्रभाव के जरिए प्रकृति की संयुक्त ताकत की वजह से हो सकी है। James Webb टेलीस्कोप Earendel की होस्ट गैलेक्सी सनराइज आर्क में अन्य जानकारियों को देखने में भी सक्षम हुआ है। यह ब्रह्मांड के पहले अरब वर्षों में पहचानी गई सबसे बड़ी गैलेक्सी है। इसमें नए और पुराने दोनों प्रकार के तारे बनाने वाले रीजन हैं। 
 
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