NASA ने इंस्टाग्राम में शेयर की पिघलते ग्लेशियर की तस्वीर, खूबसूरत तो है, लेकिन खतरा भी!

निश्चित तौर पर यह तस्वीर खूबसूरत है, लेकिन यदि आप कुछ साल पीछे जाएं, तो आपको अहसास होगा कि हम कितनी तेज़ी से ग्लोबल वॉर्मिंग का शिकार हो रहे हैं।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 25 मई 2021 11:08 IST
ख़ास बातें
  • NASA ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से ली गई एक तस्वीर साझा की
  • Upsala ग्लेशियर के पिघलने की तस्वीर पर मिल रही हैं कई प्रतिक्रियाएं
  • लोगों ने खूबसूरती निहारने के साथ ग्लोबल वॉर्मिंग पर जताई चिंता

ग्लोबल वॉर्मिंग का असर सैकड़ों ग्लेशियर पर पड़ रहा है

NASA ने अपने Instagram अकाउंट में एक पिघलते हुए ग्लेशियर की तस्वीर साझा की है। यह तस्वीर देखने में जितनी खूबसूरत है, इसकी सच्चाई उतनी ही भयावय है। इस तस्वीर से पता चलता है कि हम बेहद तेज़ी से ग्लोबल वार्मिंग का शिकार हो रहे हैं। इस तस्वीर को एक फांसीसी अंतरिक्ष यात्री Thomas Pesquet ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से लिया है। इसमें उपसाला ग्लेशियर (Upsala Glacier) दिखाई देता है, जो अर्जेंटीना और चिली के दक्षिणी पेटागोनियन आइसफ़ील्ड का तीसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि हमारे ग्लेशियर छोटे होते जा रहे हैं और ये बदलाव अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष से दिखाई दे रहे हैं और साथ ही जलवायु वैज्ञानिकों को घरती के वातावरण की जानकारी मुहैया कराने वाली अर्थ ऑबजरवेशन सैटेलाइट द्वारा भी देखा जा रहा है। इस तस्वीर में साफ पता चलता है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते इस विशाल ग्लेशियर का एक बड़ा हिस्सा टूट गया है और यह तेज़ी से पिघल रहा है।

NASA का तस्वीर में लिखा कैप्शन कहता है कि जैसे-जैसे धरती पर जलवायु परिवर्तन हो रहा है, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन हमारे ग्रह को सुरक्षित बनाने के लिए इन बदलावों की तस्वीरें भेज रहे हैं।
 

इस खबर को लिखने तक, तस्वीर को 9 लाख से ज्यादा यूज़र्स द्वारा लाइक किया जा चुका था। हज़ारों यूज़र्स ने तस्वीर पर कमेंट्स भी छोड़े हैं। कई लोगों ने तस्वीर की खूबसूरती को निहारा और कई लोगों ने क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर चिंता व्यक्त की।

i_m_g यूज़रनेम वाले एक अकाउंट द्वारा कमेंट किया गया था “The planet is dying,” ([यह] ग्रह मर रहा है)

 Khyrstyn Jackson लिखते हैं “I wish you would have put pictures from last century next to this for comparison,” (काश आप तुलना के लिए इसके साथ इसकी [ग्लेशियर की] पिछले दशक की तस्वीर भी डालते)
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निश्चित तौर पर यह तस्वीर खूबसूरत है, लेकिन यदि आप कुछ साल पीछे जाएं, तो आपको अहसास होगा कि हम कितनी तेज़ी से ग्लोबल वॉर्मिंग का शिकार हो रहे हैं। इस तरह के सैकड़ों ग्लेशियर अपने असली आकार से आधे हो चुके हैं। यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ESA) की रिपोर्ट कहती है कि यह ग्लेशियर 2001 से 2016 के बीच 3 किलोमीटर से ज्यादा सिकुड गया है।
 

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