एस्ट्रॉयड या उल्का पिंड के बारे में आपने अक्सर सुना होगा। नासा ने एक एस्ट्रॉयड के धरती के बेहद करीब आने की सूचना जारी की है। एस्ट्रॉयड ऐसे खगोलीय पिंड होते हैं जो अंतरिक्ष में हमारे सौरमंडल में लगातार चक्कर काटते रहते हैं। जैसे सौरमंडल के अन्य ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं, वैसे ही ये एस्ट्रॉयड भी या तो सूर्य या फिर किसी ग्रह के चक्कर काटते रहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि किसी अन्य ग्रह के गुरूत्वाकर्षण के कारण इनकी दिशा बदल जाती है और ये दूसरी दिशा में चलने लगते हैं। इसी तरह कई बार इनका रुख पृथ्वी की ओर भी हो जाता है। अब एक और एस्ट्रॉयड धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। नासा ने इसके बारे में क्या कहा है, आपको बताते हैं।
अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने एक बड़े आकार वाले
उल्का पिंड के धरती के बेहद करीब आने की चेतावनी जारी की है। इसका आकार 110 फीट बताया जा रहा है। इसका नाम 2022 WK9 है जो तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। आज यानि 7 दिसंबर के लिए नासा ने इसके धरती के सबसे करीब होने की चेतावनी जारी की है। स्काई डॉट ओआरजी के
मुताबिक इस उल्का पिंड की स्पीड 51472 किलोमीटर प्रति घंटा है। नासा ने कहा है कि यह धरती के सबसे करीब जब आएगा तो इसकी दूरी 23 लाख किलोमीटर के लगभग होगी। एस्ट्रॉयड का आकार एक कॉमर्शिअल हवाई जहाज के जितना बताया जा रहा है।
दिलचस्प बात ये है कि इस एस्ट्रॉयड के बारे में हाल ही में पता लगा था। यह 28 नवंबर को अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया था। इसके बारे में कहा गया है कि यह सूरज का चक्कर लगा रहा है और इसे एक चक्कर पूरा करने में 543 दिन का वक्त लगता है, जबकि धरती सूरज का चक्कर 365 दिनों में पूरा करती है। यानि कि लगभग दोगुने समय में यह सूरज का चक्कर लगा रहा है। जब यह सूरज के सबसे दूर होता है तो 28.9 करोड़ किलोमीटर दूर होता है, और जब करीब आता है तो 10.1 करोड़ किलोमीटर दूर होता है।
2022 WK9 का संबंध अपोलो ग्रुप से है। इस समूह को एस्ट्रॉनॉट कार्ल रीनमुथ ने 1930 के दशक में खोजा था। यह समूह पृथ्वी के सबसे करीब चक्कर काटने वाले उल्का पिंडों का समूह है। नासा ने 2022 WK9 एस्ट्रॉयड के बारे में पृथ्वी से टकराने जैसी कोई चेतावनी तो जारी नहीं की है लेकिन जब कोई इतने बड़े आकार वाला उल्का पिंड धरती के करीब आता है तो एजेंसी अलर्ट जारी करती है, क्योंकि ये उल्का पिंड धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में आकर सीधे धरती की ओर भी रुख कर सकते हैं, इसलिए खतरा इनसे माना जाता है। हजारों साल पहले धरती पर से डायनासोर जैसे विशालकाय जीवों के खात्मे का कारण भी इन्हीं एस्ट्रॉयड को माना जाता है। इनमें किसी ग्रह को भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है।
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