यूरोप पिघल रहा है! एक बारगी सुनने पर यकीन नहीं होता, लेकिन हाल वहां कुछ ऐसा ही है। यूरोप भीषण गर्मी देख रहा है। जंगलों में लगी आग और रिकॉर्ड तापमान ने तमाम यूरोपीय देशों को ‘भट्ठी' में झोंक दिया है। सड़कें सुनसान, बाजारों में सन्नाटा, गर्मी से रेलवे ट्रैक फैल गए हैं। एयरपोर्ट पर कोलतार के पिघलने की खबरें आ रही हैं। यूरोप की स्थिति को समझाने वाला यह सैटेलाइट मैप बताता है कि रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बीच कई यूरोपीय देशों में जंगल की आग के अलर्ट हैं और स्थिति ‘एक्ट्रीम डेंजर' वाली है। यही नहीं, सर्दियों और वसंत में बारिश की कमी की वजह से यूरोप भयानक सूखे की ओर भी बढ़ रहा है।
स्पेसडॉटकॉम के
अनुसार, वैज्ञानिक यह जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन की वजह से यूरोप बाकी दुनिया की तुलना में तेजी से गर्म हो रहा है। ब्रिटेन जैसा देश जहां गर्मियां बहुत ज्यादा नहीं होती और आसमान में बादलों का डेरा रहता है, वहां भी मंगलवार को तापमान इतिहास में पहली बार 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
स्थानीय समयानुसार दोपहर लगभग 1 बजे ब्रिटेन के राष्ट्रीय मौसम फोरकास्टर मौसम विभाग ने बताया कि देश में अबतक का सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया। लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे के पास 40.2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया। ब्रिटेन उन यूरोपीय देशों में से है, जहां मंगलवार को जंगल की आग का अलर्ट सबसे ज्यादा था। इटली, फ्रांस और स्पेन का भी बुरा हाल है।
यूरोपियन एनवायरनमेंट मॉनिटरिंग प्रोग्राम ‘कोपरनिकस' के अनुसार, पूरे फ्रांस, स्पेन और पुर्तगाल में पिछले दस दिनों में 150 वर्ग मील से ज्यादा इलाके में आग की घटनाएं सामने आई हैं। अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट के डेटा से पता चला है कि ब्रिटेन में जमीन का तापमान 18 जुलाई को 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक अधिक हो गया था।
सैटेलाइट मैप में देश के कई प्रमुख शहरों में गर्म जगहों के बारे में बताया गया है। इसकी वजह वहां की बिल्डिंगों को भी बताया गया है, जो गर्मी बढ़ाने में सहायक हैं। यूरोप में यह स्थिति अभी कई दिनों तक जारी रहने वाली है। यूरोप के तमाम देश इस ‘मुसीबत' के आगे बेबस नजर आ रहे हैं।