• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • ये हुई ना बात! पहली बार वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में की मेटल पार्ट की 3D प्रिंटिंग

ये हुई ना बात! पहली बार वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में की मेटल पार्ट की 3D प्रिंटिंग

3D Printing in Space : ESA यानी यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने पहली बार स्‍पेस में एक मेटल पार्ट की 3D प्र‍िं‍टिंग करके दिखाई है।

ये हुई ना बात! पहली बार वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में की मेटल पार्ट की 3D प्रिंटिंग

Photo Credit: ESA

जो चीज प्रिंट की गई उसे क्‍वॉलिटी चेक के लिए पृथ्‍वी पर भेजा जाएगा।

ख़ास बातें
  • अंतरिक्ष में की गई मेटल पार्ट की 3डी प्रिंटिंग
  • भविष्‍य के स्‍पेस मिशनों को मिलेगी मदद
  • प्रिंट किया गया पार्ट क्‍वॉलिटी चेक के लिए आएगा पृथ्‍वी पर
विज्ञापन
3D Printing in Space : अंतरिक्ष में हो रहे वैज्ञानिक प्रयोग रोज नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। ESA यानी यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने पहली बार स्‍पेस में एक मेटल पार्ट की 3D प्र‍िं‍टिंग करके दिखाई है। स्‍पेस में 3D प्रिंटिंग करना इसलिए चुनौतीपूर्ण होता है, क्‍योंकि वहां गुरुत्‍वाकर्षण (gravity) नहीं है। इसकी वजह से प्रिंटिंग की क्‍वॉलिटी खराब हो सकती है। हालांकि वैज्ञानिकों ने इस चुनौती से मुकाबला करते हुए एक परफेक्‍ट 3D प्रिंटिंग करके दिखाई है। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, मेटल पार्ट की 3डी प्रिंटिंग में मेटल को पिघलाना होता है। स्‍पेस में बिना गुरुत्‍वाकर्षण के प्रिंटिंग में दिक्‍कतें आना लाजिमी था। इन चुनौतियों से निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने इंटरनेशल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर चीजें हालात के हिसाब से सेट कीं। 

साइंटिस्‍टों ने कई महीनों तक टेस्‍ट किए और प्रिंटर को सूक्ष्‍म गुरुत्‍वाकर्षण के माहौल में ढाला। इसके बाद उन्‍होंने स्‍पेस में मेटल पार्ट का पहला हिस्‍सा 3डी प्र‍िंटिंग की मदद से तैयार किया। टीम की योजना 2 और चीजों को प्रिंट करने की है। अभी जो चीज प्रिंट की गई उसे क्‍वॉलिटी चेक के लिए पृथ्‍वी पर भेजा जाएगा। 
 

3D प्रिंटिंग ऐसे की गई स्‍पेस में 

वैज्ञानिकों ने इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पर एक स्‍टेनलेस स्‍टील तार को लेजर के जरिए पिघलाया। उससे मेटल का रेशा तैयार किया, जिससे 3डी प्रिंटिंग की गई। यूराेपीय स्‍पेस एजेंसी का कहना है कि अंतरिक्ष में एक मेटल पार्ट को 3D प्रिंट करके वैज्ञानिकों ने स्‍पेस में मैन्‍युफैक्‍चरिंग की काबिल‍ियत हासिल कर ली। यह भविष्‍य के मिशनों में मददगार होगी। वैज्ञानिकों को लगता है कि लंबी दूरी के स्‍पेस मिशनों में जरूरत पड़ने पर वह स्‍पेयर पार्ट्स और कंस्‍ट्रक्‍शन से जुड़ी चीजें तैयार कर पाएंगे। 

3D प्रिंटिंग का इस्‍तेमाल स्‍पेस में बड़े पैमाने पर संभव हुआ तो वैज्ञानिकों को पृथ्‍वी से सामान ले जाने की जरूरत नहीं होगी। रॉ मटीरियल को अंतरिक्ष में ले जाकर वहां जरूरत की हर चीज मैन्‍युफैक्‍चर की जा सकेगी। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung की Galaxy A07 के लॉन्च की तैयारी, MediaTek Helio G99 हो सकता है चिपसेट
  2. हैवी गेमिंग या फोन में रखने हैं तगड़े ऐप्स तो 16GB RAM वाले ये फोन रहेंगे बेस्ट
  3. WhatsApp में बिना नंबर सेव किए कैसे भेजें मैसेज
  4. Netflix मुफ्त देखने का जबरदस्त तरीका! बस करें ये रिचार्ज
  5. OnePlus 13s vs iPhone 16e vs Vivo X200 FE: तीनों के बीच कड़ी टक्कर,देखें कौन है बेस्ट
  6. Google Pay, Paytm और PhonePe यूजर्स के लिए बड़ा अपडेट, अब बार-बार नहीं कर पाएंगे ये काम, 1 अगस्त से लागू होंगे
  7. आपके नाम पर कितने सिम कार्ड हैं रजिस्टर्ड, घर बैठे ऐसे करें चेक
  8. MG Motor ने भारत में लॉन्च की इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार Cyberster, 200 kmph की टॉप स्पीड 
  9. iQOO जल्द लॉन्च करेगी Z10 Turbo+, MediaTek Dimensity 9400+ चिपसेट
  10. Battlefield 6 गेम का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज, 31 जुलाई को दिखाया जाएगा मल्टीप्लेयर गेमप्ले; यहां देखें वीडियो
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »