Vikram-S लॉन्‍च : अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की क्रांति, पहला प्राइवेट रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्‍च

Vikram-S लॉन्‍च : Vikram-S रॉकेट को हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा डेवलप किया गया है। इसका नाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 18 नवंबर 2022 11:50 IST
ख़ास बातें
  • Vikram-S रॉकेट ने आज सुबह 11.30 बजे भरी उड़ान
  • स्काईरूट एयरोस्पेस ने डेवलप किया रॉकेट
  • कंपनी 3 विक्रम रॉकेट डिजाइन कर रही है

Vikram-S लॉन्‍च : कंपनी 3 विक्रम रॉकेट डिजाइन कर रही है, जो क्रायोजेनिक ईंधन का उपयोग करेंगे। Vikram-S रॉकेट की बात करें, तो इसका वजन 545 किलोग्राम है।

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत ने इतिहास रच दिया है। भारत का पहला प्राइवेट रॉकेट Vikram-S आज लॉन्‍च हो गया। भारत के अंतरिक्ष इतिहास में यह पहली बार है, जब एक प्राइवेट रॉकेट ने स्‍पेस में उड़ान भरी है। इसी के साथ, स्काईरूट एयरोस्पेस (Skyroot Aerospace) रॉकेट विकसित करने और उड़ाने वाली भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बन गई है। Vikram-S रॉकेट ने आज सुबह 11.30 बजे श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से उड़ान भरी। इसे मिशन प्रारंभ (Mission Prarambh) नाम दिया गया है। आइए जानते हैं इस मिशन से जुड़ीं जरूरी बातें। 

Vikram-S रॉकेट को हैदराबाद स्थित स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा डेवलप किया गया है। इसका नाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। कंपनी के CEO और को-फाउंडर नागा भरत डाका ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि विक्रम-एस रॉकेट एक सिंगल-स्टेज सब-ऑर्बिटल लॉन्च वीकल है, जो 3 कस्‍टमर पेलोड ले जाएगा। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, लॉन्‍च सफल रहा है। 
 

कंपनी 3 विक्रम रॉकेट डिजाइन कर रही है, जो क्रायोजेनिक ईंधन का उपयोग करेंगे। Vikram-S रॉकेट की बात करें, तो इसका वजन 545 किलोग्राम है। यह 6 मीटर लंबा रॉकेट है। अपनी पहली उड़ान में यह स्पेस किड्ज इंडिया, बाजूमक आर्मेनिया और एन-स्पेस टेक इंडिया के 3 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में लेकर गया है। 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि रॉकेट लॉन्‍च होने से 3 घंटे पहले उलटी गिनती शुरू हो गई थी। स्काईरूट एयरोस्पेस रॉकेट विकसित करने और उड़ाने वाली भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बनने जा रही है। हैदराबाद स्थित इस रॉकेट स्टार्टअप की स्थापना जून 2018 में पवन कुमार चंदना और नागा भारत डाक द्वारा की गई थी। अब तक कंपनी ने 526 करोड़ रुपये जुटाए हैं और कंपनी में लगभग 200 कर्मचारी हैं।
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लॉन्‍च के दौरान स्काईरूट के अधिकारी समेत सरकार से जुड़े लोग और इसरो के प्रतिनिधि मौके पर मौजूद थे। उन्‍होंने इसे एक नया प्रारंभ कहा। इंडिया के स्‍पेस प्रोग्राम की नई शुरुआत बताया। इस कामयाबी से प्राइवेट सेक्‍टर का प्रतिनिधित्‍व भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ेगा। दुनिया के अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत को नई पहचान मिलेगी। 

 

 

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