एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) अपने नए रॉकेट ‘स्टारशिप' (Starship) के लॉन्च टेस्ट की तैयारी कर रही है। इसे दुनिया का सबसे भारी और महंगे रॉकेटों में से एक बताया जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, करीब 3 बिलियन डॉलर यानी 245 अरब रुपये कीमत का ‘स्टारशिप' वीकल 10 अप्रैल को टेक्सास के बोका चिका में स्पेसएक्स की साइट से उड़ान भर सकता है। अगर वाकई में ऐसा है, तो ‘स्टारशिप' की लॉन्च टेस्ट में अब बस 5 दिन बाकी रह गए हैं। माना जाता है कि स्टारशिप रॉकेट के जरिए ही एक दिन इंसान, मंगल ग्रह का सफर तय करेगा।
डेली मेल ने अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) के हवाले से
लिखा है कि 10 अप्रैल यानी सोमवार को टेक्सास के बोका चिका में
स्पेसएक्स की साइट से स्टारशिप रॉकेट उड़ान भरेगा। हालांकि एलन मस्क की कंपनी को इसके लिए अभी तक लॉन्च लाइसेंस नहीं मिला है। सोमवार तक लाइसेंस दिया जा सकता है। एलन मस्क पहले ही कह चुके हैं कि लॉन्च के दौरान स्टारशिप में विस्फोट होने की 50 फीसदी संभावना है। उन्होंने कहा था कि लॉन्च 'उबाऊ नहीं होगा।
अगर स्पेसएक्स अपने लॉन्च में सफल होती है, तो भविष्य में इस रॉकेट की मदद से इंसानों और जरूरी साजो-सामान को चंद्रमा और मंगल ग्रह तक ले जाया जा सकेगा। ऐसा हुआ तो इंसान सिर्फ पृथ्वी तक सीमित ना होकर मल्टीप्लैनेटरी प्रजाति बन जाएगा। एफएए के अनुसार, स्टारशिप के ऑर्बिटल लॉन्च की प्राइमरी अनुमानित तारीख 10 अप्रैल है, जबकि बैकअप के तौर पर 11 व 12 अप्रैल की तारीखें भी तय की गई हैं।
सोमवार को होने वाले लॉन्च से जुड़ी जानकारी रॉयटर्स के हवाले से सामने आई है। जिस शख्स ने जानकारी शेयर की, उसने अपना नाम नहीं बताने को कहा है। एलन मस्क ने बीते दिनों कहा था कि लॉन्च अप्रैल के तीसरे सप्ताह में होगा, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि उससे पहले ही स्टारशिप रॉकेट उड़ान भर सकता है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि स्पेसएक्स ने इस पर कुछ नहीं कहा है।
रीयूजेबल रॉकेट है स्टारशिप
रिपोर्टों के अनुसार, स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसमें मुख्य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्टर। स्टारशिप और बूस्टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है।
किस तरह होगा रॉकेट का परीक्षण
स्पेसएक्स काफी वक्त से ‘स्टारशिप' के प्रोटोटाइप को टेस्ट कर रही है। स्टारशिप रॉकेट की एक पूर्ण आर्बिटल टेस्ट फ्लाइट अभी बाकी है। एलन मस्क और स्पेसएक्स इसे 2022 तक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे थे, जिसमें देर हुई है। 10 अप्रैल को टेस्ट फ्लाइट लॉन्च होती है, तो यह कुछ इस तरह से होगी।
लॉन्च के फौरन बाद ‘सुपर हेवी बूस्टर' स्टारशिप से अलग हो जाएगा। वह लॉन्च साइट से 20 मील दूर समुद्र में बनाए गए बेस पर लैंड करेगा। वहीं, स्टारशिप रॉकेट की उड़ान जारी रहेगी। करीब 90 मिनट की स्पेसफ्लाइट हवाई द्वीप में काउई से लगभग 60 मील उत्तर-पश्चिम में प्रशांत महासागर में लैंड करेगी। अगर लॉन्च कामयाब होता है, तो स्टारशिप अकेला रॉकेट नहीं होगा। कंपनी ऐसे कई रॉकेट बनाने की योजना पर काम कर रही है।