• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • भारत ने टेस्ट किया 7500km/h की स्पीड वाला हाइपरसोनिक हथियार, दुश्मन के छुड़ा देगा छक्के!

भारत ने टेस्ट किया 7500km/h की स्पीड वाला हाइपरसोनिक हथियार, दुश्मन के छुड़ा देगा छक्के!

इससे पहले भी इसका परीक्षण 2019 में किया गया था जो कि इसका सबसे पहला टेस्ट था।

भारत ने टेस्ट किया 7500km/h की स्पीड वाला हाइपरसोनिक हथियार, दुश्मन के छुड़ा देगा छक्के!

Photo Credit: pib.gov

HSTDV टेस्ट करने का मकसद है कि आने वाले समय में भारत इससे सुपरसोनिक मिसाइल बना सकता है।

ख़ास बातें
  • यह एक खास स्पीड पर पहुंचने के बाद ही इसका इंजन शुरू होता है।
  • आने वाले समय में भारत इससे सुपरसोनिक मिसाइल बना सकता है।
  • यह व्हीकल 7500 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर उड़ सकता है।
विज्ञापन
भारत ने बीते दिन यानि कि 27 जनवरी, शुक्रवार को अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्सट्रेटर व्हीकल (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle) का सफल परीक्षण किया। संक्षिप्त में इसे HSTDV भी कहा जाता है। इसका परीक्षण ओडिशा में अब्दुल कलाम आईलैंड के तट पर किया गया। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने इस हथियार का सबसे पहला टेस्ट 2019 में किया था। क्या है ये हथियार और इसे किसलिए बनाया गया है, आप भी जान लें इसके बारे में। 

हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्सट्रेटर व्हीकल (HSTDV) एक मिसाइल जैसा दिखने वाला हथियार है जिसे हाइपरसोनिक स्पीड पर उड़ने के लिए बनाया गया है। (हाइपरसोनिक चीजें ध्वनि की गति से भी पांच गुना तेज बताई जाती हैं) ANI की ओर से एक अपडेट में डिफेंस स्रोतों के हवाले से इसके सफल परीक्षण की जानकारी दी गई। इससे पहले भी इसका परीक्षण 2019 में किया गया था जो कि इसका सबसे पहला टेस्ट था। दरअसल 2008 में पूर्व डीआरडीओ चीफ वीके सारस्वत ने कहा था कि इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्क्रैम जैट इंजन की क्षमता को दिखाना था कि कैसे 15 से 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक स्क्रैम जैट इंजन परफॉर्म करता है। इस इंजन की मदद से यह व्हीकल 7408 किलोमीटर प्रतिघंटा यानि कि लगभग 7500km/h की रफ्तार पर उड़ सकता है। 

स्क्रैमजेट इंजन एक ऐसा इंजन होता है जिसे हाइपरसोनिक स्पीड पर ऑपरेट किया जा सकता है। एक नॉर्मल जेट इंजन की तरह इसमें ईंधन भरा होता है लेकिन खास बात इसमें ये होती है कि उस ईंधन को जलाने के लिए यह वातावरण की ऑक्सीजन का इस्तेमाल करता है। साथ ही यह इसके अंदर प्रवेश करने वाली ऑक्सीजन को अपनी स्पीड के बलबूते कम्प्रेस कर देता है। जिसके बाद वह कम्प्रेस होकर कम्बशन चैम्बर में पहुंचती है। 

इसलिए इसके उड़ान भरने का सिद्धांत कुछ ऐसा हो जाता है कि यह एक खास स्पीड पर पहुंचने के बाद ही इसका इंजन शुरू होता है। इंजन शुरू होने से पहले इसे सामान्य रूप से किसी रॉकेट इंजन की तरह ही एक स्पीड पकड़ाई जाती है। सामान्य रॉकेट इंजन में फ्यूल और ऑक्सीडाइजर दोनों मौजूद होते हैं लेकिन सुपरसोनिक इस हथियार में केवल फ्यूल मौजूद होता है। इसलिए यह केवल ऐसे वातावरण में उड़ान भर सकता है जहां पर पर्याप्त मात्रा में वायुमंडलीय ऑक्सीजन मौजूद हो। HSTDV टेस्ट करने का मकसद है कि आने वाले समय में भारत इससे सुपरसोनिक मिसाइल बना सकता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , HSTDV, HSTDV latest news, HSTDV news, HSTDV test, DRDO
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. अंतरिक्ष से दिखा महाकुंभ मेला, सामने आई तस्‍वीरें, जानें पूरी‍ डिटेल
  2. Netflix के प्लान हुए महंगे, इन देशों में यूजर्स को चुकाने होंगे ज्यादा पैसे
  3. Infinix Smart 9 HD लाइव शॉट हुए लीक, जल्द भारत में होगा लॉन्च
  4. iQOO 14 Pro पर चल रहा काम, Samsung OLED डिस्प्ले के साथ देगा दस्तक!
  5. IND vs ENG T20I Live: भारत-इंग्लैंड के बीच आज पहले T20I मैच में होगा घमासान! यहां देखें फ्री!
  6. TCL K7G Plus स्मार्ट डोर लॉक लॉन्च, 3D फेशियल रिकग्निशन के साथ 5-6 महीने चलेगी बैटरी
  7. Nothing Phone (3) का दिखा टीजर, स्पेशल एडिशन के साथ होगा लॉन्च!
  8. iPhone 17 सीरीज में बदल जाएगा फोन का डिजाइन! तस्वीरें लीक
  9. MicroStrategy ने बढ़ाई बिटकॉइन की होल्डिंग, 1 अरब डॉलर से ज्यादा का किया इनवेस्टमेंट 
  10. महाकुंभ में परिवहन के लिए इस्तेमाल होंगे ओला इलेक्ट्रिक के 1,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »