• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • स्‍टडी में दावा स्‍मोकिंग छुड़ाने में ‘साइटिसिन’ ज्‍यादा कारगर, पर आधी दुनिया नहीं करती इस्‍तेमाल!

स्‍टडी में दावा- स्‍मोकिंग छुड़ाने में ‘साइटिसिन’ ज्‍यादा कारगर, पर आधी दुनिया नहीं करती इस्‍तेमाल!

साइटिसिन को पूर्वी यूरोप में 1960 के दशक से इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसका हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं देखा गया है।

स्‍टडी में दावा- स्‍मोकिंग छुड़ाने में ‘साइटिसिन’ ज्‍यादा कारगर, पर आधी दुनिया नहीं करती इस्‍तेमाल!

Photo Credit: Pixabay

स्‍टडी कहती है कि इस कम खर्चीले कंपाउंड को अगर गरीब देशों में यूज किया जाए, तो ग्‍लोबल हेल्‍थ में एक बड़ा बदलाव आ सकता है।

ख़ास बातें
  • साइटिसिन एक प्‍लांट बेस्‍ड कंपाउंड है
  • स्‍मोकिंग छोड़ने में यह ज्‍यादा कारगर हो सकता है
  • पूर्वी यूरोप में कई वर्षों से हो रहा साइटिसिन इस्‍तेमाल
विज्ञापन
स्‍मोकिंग की लत तमाम लोगों को इस दहलीज पर ले आती है कि उन्‍हें धूम्रपान छोड़ने के लिए दवाइयों और थेरेपी का सहारा लेना पड़ता है। इस दिशा में साइटिसिन (Cytisine) नाम का एक प्‍लांट बेस्‍ड कंपाउंड, प्लेसबो (placebo) से ज्‍यादा कारगर हो सकता है। एक स्‍टडी में यह पता चला है कि साइटिसिन से स्‍मोकिंग छूटने की संभावना 2 गुना तक बढ़ जाती है। यह निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी से भी ज्‍यादा इफेक्टिव हो सकता है। रिसर्चर्स ने बताया है कि साइटिसिन नाम की दवा जिसे स्‍मोकिंग छोड़ने के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है, उसे पूर्वी यूरोप में 1960 के दशक से इस्‍तेमाल किया जा रहा है। इसका हमारे स्‍वास्‍थ्‍य पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं देखा गया है। 

एनडीटीवी की रिपोर्ट में लिखा गया है कि इस कंपाउंड को मध्‍य और पूर्वी यूरोप में इस्‍तेमाल किया जाता है। दुनिया के बाकी देशों में इसे लाइसेंस नहीं मिला है। स्‍टडी कहती है कि इस कम खर्चीले कंपाउंड को अगर गरीब देशों में यूज किया जाए, तो ग्‍लोबल हेल्‍थ में एक बड़ा बदलाव आ सकता है। 

जर्नल एडिक्शन में पब्लिश हुई स्‍टडी लगभग 6,000 मरीजों के रिजल्‍ट पर बेस्‍ड है। रिसर्चर्स ने प्लेसीबो के साथ साइटिसिन की तुलना करने वाले 8 टेस्‍ट किए। रिसर्चर्स इस नतीजे पर पहुंचे कि प्लेसबो की तुलना में साइटिसिन से स्‍मोकिंग बंद होने की संभावना दो गुना तक बढ़ जाती है। 

रिसर्चर्स ने यह भी नोटिस किया कि निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी के मुकाबले साइटिसिन ज्‍यादा प्रभावी हो सकता है। रिसर्चर्स ने कहा कि उनकी स्‍टडी इस बात का सबूत देती है कि साइटिसिन एक प्रभावी और धूम्रपान को रोकने वाली सस्ती मदद है। गरीब देशों में धूम्रपान को कम करने में यह बहुत उपयोगी हो सकता है। 

साइटिसिन को पहली बार 1964 में बुल्गारिया में टैबेक्स के रूप में संश्लेषित (synthesised) किया गया था और बाद में पूर्वी यूरोप तक इसका इस्‍तेमाल होने लगा था। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत में Tesla का कमजोर परफॉर्मेंस, VinFast ने बेचे 6 गुना ज्यादा EV
  2. Realme Narzo 90 सीरीज में मिलेगी 7,000mAh की बैटरी, अगले सप्ताह भारत में लॉन्च
  3. क्या है भारत का चिप वाला E-Passport और इसके लिए कैसे करें अप्लाई? यहां जानें सब कुछ
  4. Bitcoin में गिरावट का रिस्क, Standard Chartered ने आधा किया प्राइस का टारगेट
  5. Starlink क्या है, कैसे करता है काम? भारत में इसकी कीमत से लेकर फायदे–कमियों तक, यहां समझें सब कुछ
  6. Vivo X300 सीरीज की सेल आज से शुरू, बंपर डिस्काउंट के साथ 1 साल की एक्सटेंड वारंटी और ऐसे फायदे
  7. Xiaomi 17 के इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च की तैयारी, NBTC पर हुई लिस्टिंग
  8. Realme 16 Pro सीरीज का लॉन्च कंफर्म, बड़ी बैटरी, धांसू कैमरा से होगी लैस!
  9. मात्र 199 रुपये में Gemini 3 Pro का एक्सेस, Gmail, Photos के लिए 200GB स्टोरेज, जानें क्या है Google का गजब प्लान
  10. Hero MotoCorp ने Ola Electric को पीछे छोड़ा, Bajaj दूसरे नंबर पर, जानें कौन रहा टॉप पर?
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »