China Asteroid Mission : हमारे अंतरिक्ष में लाखों की संख्या में ऐसे ऑब्जेक्ट मौजूद हैं, जिनके पृथ्वी से टकराने पर हमारा ग्रह प्रभावित हो सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने इस मुश्किल का हल निकालने के लिए पिछले साल DART मिशन को पूरा किया था। उसके तहत एक स्पेसक्राफ्ट की टक्कर एस्टरॉयड (Asteroid) से कराई थी, ताकि भविष्य में ऐसी किसी मुसीबत को धरती से टकराने से पहले ही खत्म किया जा सके। अब चीन भी ऐसा करने जा रहा है। उसने भी एस्टरॉयड से टकराने की प्लानिंग की है। एक क्राफ्ट की टक्कर एस्टरॉयड से कराई जाएगी और अंतरिक्ष में घूम रहीं चट्टानों को स्टडी किया जाएगा। मिशन 2030 तक पूरा हो सकता है।
स्पेसडॉटकॉम और
द प्लेनेटरी सोसायटी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अपना टार्गेट भी चुन लिया है। चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) की नजर 2015 XF261 नाम के एक एस्टरॉयड पर है। इसका साइज करीब 100 फुट चौड़ा है।
Nasa की जेट प्रोप्लशन लेबोरेटरी के
डेटाबेस के अनुसार, 2015 XF261 आखिरी बार पृथ्वी के सबसे करीब इसी सप्ताह मंगलवार 9 जुलाई को आया था। यह हमारे ग्रह से 50 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरा। तब इसकी स्पीड 42 हजार किलोमीटर प्रति घंटा थी।
क्या था अमेरिका का DART मिशन?
साल 2022 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने DART मिशन को पूरा किया था। इसके तहत 26 सितंबर 2022 को नासा का डबल एस्टरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) स्पेसक्राफ्ट जानबूझकर डिमोर्फोस (Dimorphos) नाम के एक एस्टरॉयड से टकराया था। टक्कर करके नासा यह जानना चाहती थी कि इससे एस्टरॉयड की कक्षा में बदलाव होता है या नहीं। यह मिशन सफल रहा था। यानी नासा इस नतीजे पर पहुंची कि भविष्य में ऐसी टक्करों के बाद एस्टरॉयड की दिशा को बदला जा सकेगा और पृथ्वी के लिए खतरा बनने वाले एस्टरॉयड्स को ‘रास्ते से हटाया' जा सकेगा। अब चीन भी ऐसा ही करना चाहता है।
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