Chandrayaan 3 : चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव (Moon south pole) पर जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर (Vikram Pragyan) से संपर्क की उम्मीदें धुंधली होती जा रही हैं। बीते शुक्रवार को ही उम्मीद लगाई गई थी कि भारतीय स्पेस एजेंसी (ISRO) गुड न्यूज देगी। वह बताएगी कि प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर से दोबारा कम्युनिकेशन स्थापित हुआ है। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया। इसरो की तरफ से
कहा गया कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ कम्युनिकेशन स्थापित करने की कोशिश की गई हैं, लेकिन उनकी तरफ से कोई सिग्नल नहीं मिला है। 7 दिन हो गए हैं इस बात को और स्थिति जस की तस है। तो क्या यह मान लिया जाए कि विक्रम और प्रज्ञान अब हमेशा के लिए हमसे दूर चले गए हैं?
दिन बीतने का मतलब रात गहराने वाली है
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अभी सूर्य की रोशनी पहुंच रही है। इसके बावजूद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर में कोई हलचल नहीं है। अगले कुछ दिनों में चांद के इस इलाके में फिर से रात गहरा जाएगी। करीब 14 दिनों तक वहां अंधेरा रहेगा और तापमान एक बार फिर से शून्य से
200 डिग्री तक नीचे चला जाएगा। उन हालात में विक्रम और प्रज्ञान की तरफ से सिग्नल मिलने की उम्मीद नहीं है।
2 सितंबर से स्लीप मोड में हैं विक्रम-प्रज्ञान
विक्रम और प्रज्ञान रोवर 2 सितंबर से
स्लीप मोड में हैं। दोनों ने चंद्रमा पर एक लंबी रात और जमा देने वाले तापमान को एक्सपीरियंस कर लिया है। फिर वही हालात लौटने वाले हैं और अगले कुछ दिन में कम्युनिकेशन स्थापित नहीं हुआ, तो आगे सिग्नल मिलने की उम्मीद खत्म हो सकती है।
इसरो के वैज्ञानिक बीते कई दिनों से शिव शक्ति पॉइंट पर मौजूद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से कम्युनिकेट करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस काम में सफलता नहीं मिल पाई है। रिपोर्टों के अनुसार, 30 सितंबर से चांद के इस इलाके में रात शुरू होने वाली है।
भारत के लिए चंद्रयान-3 मिशन सफल रहा है और इसने अपनी सभी क्षमताओं को साबित किया है।