बिल्ली पालना बहुत से लोगों को पसंद होता है। घरों में पालतू बिल्लियां अक्सर देखने में आती हैं। लेकिन एक नई स्टडी बिल्लियों से होने वाले खतरे के बारे में चेताती है। स्टडी में कहा गया है कि बिल्लियां बर्ड फ्लू के फैलने का साधन बन सकती हैं, जिसने पिछले ढाई सालों से अमेरिका में पॉल्ट्री फार्मों को तबाह कर रखा है। इसलिए बिल्लियां पालने वालों को इस खबर को जरूर पढ़ना चाहिए।
एवियन इन्फ्लूएंजा के एक घातक प्रकार को H5N1 के रूप में जाना जाता है। H5N1 बीते कुछ समय में 10 करोड़ से ज्यादा पक्षियों की मौत का कारण बन चुका है। हालांकि यह मनुष्यों में आसानी से नहीं फैलता है फिर भी वैज्ञानिकों ने इसे लेकर एक चेतावनी जारी की है। स्टडी को
Taylor and Francis में प्रकाशित किया गया है। स्टडी कहती है कि बिल्ली में आने के बाद अगर H5N1 वायरस में दो म्यूटेशन भी हो जाते हैं तो यह आसानी से मनुष्यों में फैल सकता है।
इस साल अप्रैल में एक South Dakota रेजिडेंस में 10 बिल्लियां मर गईं। शोधकर्ताओं ने इनकी बॉडी का विश्लेषण किया और पाया कि इनमें श्वसन और तंत्रिका संबंधी समस्याओं के लक्षण थे। इसके बारे में जब आगे शोध किया गया तो पाया कि बिल्लियों में पाया गया वायरस लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित एक डेयरी फार्म में मवेशियों में पाए गए वायरस से काफी मिलता-जुलता था। बिल्लियों के पास पक्षियों के पंखों की मौजूदगी से संकेत मिला कि उन्होंने संभवतः जंगली पक्षियों को खाया होगा, जो फार्म से वायरस लेकर आए थे।
स्टडी में पाया गया कि अन्य जानवरों के विपरीत बिल्लियों में दो रिसेप्टर्स होते हैं जिनसे बर्ड फ्लू वायरस और मौसमी फ्लू वायरस आसानी से अटैच हो सकते हैं। फ्लू सीजन में तेजी से इस बात की आशंका बन जाती है कि बिल्लियाँ एक साथ H5N1 और मौसमी फ्लू वायरस से संक्रमित हो सकती हैं। इसके परिणामस्वरूप होने वाले म्यूटेशन से बिल्लियाँ, जो अक्सर मनुष्यों के आसपास रहती हैं, बर्ड फ्लू वायरस को फैला सकती हैं।
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