480 डिग्री तापमान में भी ना पिघलने वाली बैटरी देख लीजिए, जानें कहां काम आएंगी

इन बैटरियों को शुक्र ग्रह पर लैंड करने वाले लैंडर में लगाया जाएगा। ऐसी बैटरी को टेस्‍ट भी किया है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 23 फरवरी 2023 17:58 IST
ख़ास बातें
  • शुक्र पर मिशन भेजने के लिए काम कर रही है नासा
  • ऐसा बैटरी सिस्‍टम डेवलप हो रहा है, तो ताकतवर हो
  • शुक्र ग्रह के गर्म वातावरण को झेलने वाली बैटरी हो रहीं तैयार

दावा है कि यह बैटरी शुक्र ग्रह पर 120 पृथ्‍वी दिनों तक काम कर सकती है।

Photo Credit: Nasa

दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां अब गंभीरता के साथ शुक्र ग्रह (Venus) को ‘निहारने' लगी हैं। कई विशेषज्ञ पहले से कहते आए हैं कि नासा (Nasa) जैसी बड़ी अंतरिक्ष एजेंसियों को शुक्र ग्रह पर मिशन भेजना चाहिए। पिछले साल यह मांग पेरिस में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस (IAC) में प्रस्तुत एक रिपोर्ट में भी कही गई थी। नासा और उसकी सहयोगी स्‍पेस एजेसियों की योजना अगले एक दशक में शुक्र ग्रह पर कुछ मिशन लॉन्‍च करने की है। लेकिन यह काम कैसे पूरा होगा। जिस ग्रह की सतह का तापमान ही 480 डिग्री सेल्सियस है, वहां कोई मिशन कैसे काम करेगा। लगता है नासा ने इसका हल ढूंढ लिया है। 

हाल में एक वीडियो में नासा ने शुक्र ग्रह के बारे में दिलचस्‍प चीजें बताई थीं। शुक्र ग्रह का वायुमंडल 24 किलोमीटर मोटी कार्बन डाई ऑक्‍साइड की परत से घिरा है। शुक्र ग्रह पर जो बादल हैं, वह सल्फ्यूरिक एसिड से भरपूर हैं। शुक्र ग्रह का तापमान इतना ज्‍यादा कि वह लेड यानी सीसे को पिघला सकता है। शुक्र ग्रह की सतह का तापमान 480 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

इसके बावजूद शुक्र ग्रह के लिए नासा का मिशन आगे बढ़ रहा है। वह एडवांस्‍ड थर्मल बैटरी (ATB) नाम की कंपनी के साथ मिलकर ऐसे बैटरी सिस्‍टम को डेवलप कर रही है, जो शुक्र ग्रह का ‘जानलेवा' तापमान झेल जाए। इन बैटरियों को शुक्र ग्रह पर लैंड करने वाले लैंडर में लगाया जाएगा। दोनों ने मिलकर ऐसी बैटरी को टेस्‍ट भी किया है। दावा है कि यह बैटरी शुक्र ग्रह पर 120 पृथ्‍वी दिनों तक काम कर सकती है। 

हालांकि यह बैटरी सिस्‍टम अभी विकस के चरण में है, लेकिन जो परिणाम मिले हैं, वह बताते हैं कि शुक्र ग्रह के कठोर वातावरण में काम करने में सक्षम बैटरी जल्द हकीकत बन सकती हैं। ऐसा नहीं है कि शुक्र ग्रह पर आजतक मिशन नहीं भेजे गए। नासा, सोवियन यूनियन, यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी और जापान ने अपने मिशन पूर्व में लॉन्‍च किए हैं। सोवियत यूनियन का स्‍पेसक्राफ्ट शुक्र ग्रह पर सिर्फ 2 घंटे काम कर पाया था। उम्‍मीद है कि नई बैटरियां आने वाले समय में किसी लैंडर को लंबे समय तक शुक्र ग्रह पर टिकने के काबिल बनाएंगी।  
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. लैपटॉप की बैटरी लंबे समय तक चलाने के लिए ये टिप्स करें फॉलो
  2. Infinix Hot 60i 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
#ताज़ा ख़बरें
  1. लैपटॉप की बैटरी लंबे समय तक चलाने के लिए ये टिप्स करें फॉलो
  2. घर बैठे कैसे निकालें PF का पैसा, मिनटों में होगा काम, जानें प्रक्रिया
  3. AI से 80% नौकरियों को खतरा, BPO और IT सेक्टर पर पड़ेगा सबसे बड़ा असर, जानें इस एक्सपर्ट ने क्या कहा
  4. ये हैं 7000mAh+ बैटरी वाले धांसू स्मार्टफोन, बार-बार चार्ज करने के झंझट से मिल जाएगा छुटकारा
  5. Realme 15 Pro का Game of Thrones एडिशन जल्द हो सकता है लॉन्च
  6. टैबलेट की बढ़ी डिमांड, Apple का पहला स्थान बरकरार
  7. Infinix Hot 60i 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  8. दिल्ली मेट्रो टिकट घर बैठे कैसे करें बुक, Uber के जरिए ऑनलाइन होगी बुकिंग
  9. iQOO Z10R 5G vs Moto G96 5G vs Samsung Galaxy F36 5G: खरीदने से पहले देखें कौन रहेगा बेहतर
  10. FASTag Annual Pass: एक बार रिचार्ज करो और टेंशन खत्म! क्या है एनुअल पास और कैसे करें एक्टिव? यहां जानें
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.