एक नई स्टडी से पता चला है कि बैक्टीरिया तंग जगहों से गुजरते हुए अपने तैरने के पैटर्न को बदलते हैं। अमेरिका में हवाई यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है कि बैक्टीरिया के व्यवहार में अचानक आया बदलाव हैरान करने वाला है। उन्होंने पाया कि बैक्टीरिया ने एक लाइन बनाई, और खुली जगहों के विपरीत कैद से बचने के लिए एक सीधी लाइन में तैरना शुरू कर दिया। खुली जगहों में, ये बैक्टीरिया बिना किसी खास पैटर्न के अपने मनमाने ढंग से घूमते हुए दिखाई दिए। बैक्टीरिया लगभग सभी जीवों के शरीर पर या उनके भीतर सहजीवी के रूप में रहते हैं।
रिसर्चर्स को उम्मीद है कि उनकी स्टडी यह समझने में मदद कर सकती है कि इंसानी माइक्रोबायोम में बैक्टीरिया कैसे रहते हैं। माइक्रोब्स (सूक्ष्मजीव) अक्सर जटिल रास्ते अपनाते हैं, यहां तक कि शरीर के टिशू के बेहद छोटे छेदों के जरिए भी निकल जाते हैं। यह स्टडी दिखाती है कि तंग जगह बैक्टीरिया के लिए एक संकेत के रूप में काम कर सकते हैं कि जटिल वातावरण से कैसे नेविगेट किया जाए।
इस स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने विब्रियो फिशरी (Vibrio fischeri) का इस्तेमाल किया। यह एक रॉड की शेप का जीवाणु होता है, जो दुनियाभर में समुद्री वातावरण में पाया जाता है। हवाईयन बॉबटेल स्क्विड, यूप्रिमना स्कोलोप्स, विब्रियो फिशरी के साथ एक खास सहजीवी संबंध बनाता है, जिसका उपयोग यह स्क्वीड के शरीर में खास जगहों पर तैरने के लिए करता है। रिसर्चर्स ने विब्रियो बैक्टीरिया के तैरने के तरीकों पर स्टडी करने के लिए कंट्रोल्ड चैंबर को डिजाइन किया।
यह स्टडी पीयर-रिव्यूड बायोफिजिकल जर्नल में
पब्लिश की गई है।
माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल करते हुए, टीम ने पाया कि बैक्टीरिया ने खुली और तंग जगहों के बीच जाते हुए तैरने के अलग-अलग पैटर्न को अपनाया। रिसर्चर्स ने
कहा कि इन बैक्टीरिया का मकसद बेहद संकरी जगहों में फंसने से बचना था।