• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • Aditya Mission : पृथ्‍वी से 9.2 लाख किलोमीटर दूर पहुंचा ‘आदित्‍य’ स्‍पेसक्राफ्ट, अभी कितना सफर बाकी? जानें

Aditya Mission : पृथ्‍वी से 9.2 लाख किलोमीटर दूर पहुंचा ‘आदित्‍य’ स्‍पेसक्राफ्ट, अभी कितना सफर बाकी? जानें

Aditya Mission : यह इसकी कुल यात्रा का आधे से भी ज्‍यादा है।

Aditya Mission : पृथ्‍वी से 9.2 लाख किलोमीटर दूर पहुंचा ‘आदित्‍य’ स्‍पेसक्राफ्ट, अभी कितना सफर बाकी? जानें

Photo Credit: ISRO

‘आदित्य एल1’ जिस एल1 पॉइंट पर पहुंचेगा, उसे लैग्रेंजियन पॉइंट कहा जाता है।

ख़ास बातें
  • आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट पहुंचा सूर्य के और करीब
  • भारतीय स्‍पेस एजेंसी ने दी जानकारी
  • भारत की पहली स्‍पेस ऑब्‍जर्वेट्री है आदित्‍य एल1
विज्ञापन
Aditya Mission Updates : भारत का पहल सौर मिशन आदित्‍य एल-1 (Aditya L1) लगातार अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। इस स्‍पेसक्राफ्ट ने पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकलकर धरती से 9.2 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर ली है। यह इसकी कुल यात्रा का आधे से भी ज्‍यादा है। आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट को पृथ्‍वी से 15 लाख किलोमीटर का सफर तय करके उस L1 पॉइंट तक पहुंचना है, जहां से वह सूर्य को लगातार मॉनिटर कर सके। 

‘आदित्य एल1' जिस एल1 पॉइंट पर पहुंचेगा, उसे लैग्रेंजियन पॉइंट कहा जाता है। वहां पहुंचकर आदित्‍य स्‍पेसक्राफ्ट सूर्य में होने वाली गतिविधियों को मॉनिटर करेगा। गौरतलब है कि हमारा सूर्य अपने सौर चक्र से गुजर रहा है और बहुत अधिक एक्टिव है। इस वजह से उसमें सनस्‍पॉट उभर रहे हैं। उन सनस्‍पॉट्स से सोलर फ्लेयर (What is solar flare) और कोरोनल मास इजेक्‍शन (What is coronal mass ejection) जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। 

भारतीय स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने देश के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘आदित्य एल1' स्‍पेसक्राफ्ट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीकल (पीएसएलवी)-सी57 के जरिए 2 सितंबर को लॉन्‍च किया था। 

‘आदित्य एल1' अपने साथ सात पेलोड लेकर गया है। इनमें से 4 पेलोड सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और बाकी 3 पेलोड उसके प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र को समझेंगे। हर रोज हजारों की संख्‍या में तस्‍वीरें इसरो के कमांड सेंटर में भेजी जाएंगी, जहां वैज्ञानिकों की टीम उनका विश्‍लेषण करेगी और किसी भी आपात स्थिति में अलर्ट जारी किया जा सकेगा। 

सूर्य में जारी गतिविधियों का दौर साल 2025 तक जारी रहने की उम्‍मीद है। इस दौरान सोलर फ्लेयर, कोरोनल मास इजेक्‍शन जैसी घटनाएं होती रहेंगी। इनका असर पृथ्‍वी पर भी होता है। एक पावरफुल सोलर फ्लेयर धरती पर अस्‍थायी रेडियो ब्‍लैकआउट की वजह बन सकता है। हमारे सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचा सकता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. हाइवे पर फ्री AC रूम, Wi-Fi और शॉवर, बस भरवाना है फ्यूल; बुकिंग सीधा मोबाइल ऐप से
  2. Vivo T4 Pro vs Realme 15 5G vs Nothing Phone 3a: 30 हजार में कौन सा है बेस्ट
  3. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  4. ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
  5. Gmail पर Spam Email को ऐसे करें Block, स्टोरेज भी हो जाएगी खाली, फॉलो करें ये स्टेप्स
  6. Motorola G06 में मिल सकता है MediaTek Helio G81 Extreme चिपसेट
  7. भारत में एपल ने की 9 अरब डॉलर की रिकॉर्ड सेल्स, iPhones की बड़ी हिस्सेदारी 
  8. Motorola ने लॉन्च किया Book 60 Pro, 14 इंच OLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. Motorola ने पेश किया Edge 60 Neo, 6.4 इंच pOLED डिस्प्ले, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  10. TCL ने लॉन्च किया 7.2-इंच डिस्प्ले वाला NxtPaper 60 Ultra, इसमें है आंखों की सेफ्टी के लिए स्पेशल टेक्नोलॉजी, जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »