विशालकाय ब्‍लैक होल ने बदली अपनी दिशा, अब पृथ्‍वी की ओर घूमा, क्‍या निगल जाएगा हमें?

रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है। उन्‍होंने एक गैलेक्‍सी यानी आकाशंगा को पुनर्वर्गीकृत (reclassified) किया है, जो करीब 65 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 27 मार्च 2023 13:55 IST
ख़ास बातें
  • रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के वैज्ञानिकों ने की खोज
  • एक आकाशंगा को पुनर्वर्गीकृत किया साइंटिस्‍टों ने
  • पृथ्‍वी पर क्‍या असर होगा, अभी नहीं जानते हैं साइंटिस्‍ट

वैज्ञानिक यह नहीं जान पाए हैं कि आकाशगंगा के ब्‍लैक होल की दिशा में परिवर्तन क्‍यों हुआ है। इसका हमारी आकाशगंगा पर क्‍या असर होगा, यह भी नहीं पता चल पाया है।

Photo Credit: सांकेतिक तस्‍वीर

ब्‍लैक होल (Black Hole) ऐसी पहेली हैं, जिन्‍हें सुलझाने में जुटे वैज्ञानिक उतना ही उलझ जाते हैं, जितना वह ब्‍लैक होल्‍स के बारे में जानते हैं। ब्‍लैक होल को आसान शब्‍दों में समझना हो, तो यह हमारे ब्रह्मांड में ऐसी जगहें हैं, जहां फ‍ि‍ज‍िक्‍स का कोई नियम काम नहीं करता। वहां सिर्फ गुरुत्वाकर्षण है और घना अंधेरा। ब्‍लैक होल्‍स का गुरुत्वाकर्षण इतना पावरफुल होता है, कि उसके असर से रोशनी भी नहीं बचती। जो भी चीज ब्‍लैक होल के अंदर जाती है, वह बाहर नहीं आ सकती। अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसे विशालकाय ब्‍लैक होल का पता लगाया है, जिसने अपनी दिशा बदल ली है और उसका डायरेक्‍शन पृथ्‍वी (Earth) की ओर है। 

रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है। उन्‍होंने एक गैलेक्‍सी यानी आकाशंगा को पुनर्वर्गीकृत (reclassified) किया है, जो करीब 65 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों का कहना है कि PBC J2333.9-2343 नाम की आकाशगंगा के केंद्र में एक रिलेटिविस्टिक जेट यानी एक विशालकाय ब्‍लैकहोल है। साथ ही एक ब्‍लेजर भी है यानी एक्टिव गैलेक्टिक न्‍यूक्लियस। ब्‍लेजर को आप ऐसे भी समझ सकते हैं क‍ि ये बहुत ज्‍यादा ऊर्जा वाले ऑब्‍जेक्‍ट्स होते हैं।

वैज्ञानिकों ने जिस आकाशंगा को पुनर्वर्गीकृत किया है और जिसके केंद्र में एक विशाल ब्‍लैकहोल है, वह हमारी आकाशगंगा से लगभग 40 गुना बड़ी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि PBC J2333.9-2343 आकाशगंगा ने अपनी दिशा 90 डिग्री तक बदल ली है और अब सीधे पृथ्‍वी की ओर आ गई है। 

वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा को स्‍टडी किया, क्‍योंकि वह अजीब व्‍यवहार कर रही थी। वैज्ञानिकों को लग रहा था कि आकाशगंगा के ब्‍लैक होल ने अपने दिशा बदल ली है, लेकिन अपने अनुमान को निष्‍कर्ष तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों को कई ऑब्‍जर्वेशन करने पड़े। वैज्ञानिक यह नहीं जान पाए हैं कि आकाशगंगा के ब्‍लैक होल की दिशा में परिवर्तन क्‍यों हुआ है। इसका हमारी आकाशगंगा पर क्‍या असर होगा, यह भी नहीं पता चल पाया है। वैज्ञानिकों को लग रहा है कि दिशा बदलने वाली आकाशगंगा शायद किसी और आकाशगंगा से टकराई होगी, जिसके कारण उसकी दिशा बदल गई हो सकती है। 

 

 

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