1 लाख साल से अंतरिक्ष में जन्‍म ले रहा तारा! तस्‍वीर आपको भी हैरान कर देगी

Star Birth : यह टॉरस स्टार-फॉर्मिंग क्षेत्र है, जिसमें मौजूद बादलों को वेब के नियर-इन्फ्रारेड कैमरा (NIRCam) का इस्‍तेमाल करके देखा गया है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 17 नवंबर 2022 17:11 IST
ख़ास बातें
  • ऐसा लगता है कि अंतरिक्ष में किसी पक्षी ने पंख फैलाए हैं
  • टेलीस्‍कोप ने चमकदार धूल के बादलों की तस्‍वीर खींची है
  • यह एक प्रोटोस्‍टार के फीचर्स को उजागर करती है

Star Birth : ऑब्‍जर्वेशंस बताते हैं कि L1527 लगभग 1,00,000 साल पुराना है। इसे क्‍लास जीरो प्रोटोस्टार माना जाता है, जो किसी तारे के निर्माण का प्रारंभिक चरण है।

अंतरिक्ष में तैनात सबसे बड़ी दूरबीन ‘जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप' (James Webb Space Telescope) ब्रह्मांड के छुपे हुए रहस्‍यों को दुनिया के सामने ला रही है। टेलीस्‍कोप ने चमकदार धूल के बादलों की तस्‍वीर खींची है। इसका नाम L1527 है। यह तारे के निर्माण के बारे में जानकारी प्रदान करती है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने बताया है कि वेब की इस तस्‍वीर ने एक प्रोटोस्‍टार (protostar) के फीचर्स को उजागर किया है। तस्‍वीर देखकर लगता है कि अंतरिक्ष में किसी विशाल पक्षी ने अपने पंख फैलाए हुए हैं और ‘जन्‍म ले रहा तारा' उसके अंदर छुपा हुआ है।  

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह तस्‍वीर जिस क्षेत्र में क्लिक की गई, वहां धूल और गैस के बादलों को सिर्फ इन्फ्रारेड तरंग दैर्ध्य में देखा जा सकता है और जेम्‍स वेब इसमें माहिर है। जेम्‍स वेब के कैमरे में लगी इन्‍फ्रारेड तकनीक ऐसे दृश्‍यों को दुनिया के सामने लाने में काबिल है। यह टॉरस स्टार-फॉर्मिंग क्षेत्र है, जिसमें मौजूद बादलों को वेब के नियर-इन्फ्रारेड कैमरा (NIRCam) का इस्‍तेमाल करके देखा गया है। 
 

नासा का कहना है कि नीला रंग उस क्षेत्र के बारे में बताता है, जहां धूल सबसे पतली है। धूल की मोटी परतें नारंगी रंग से समझी जा सकती हैं। बात करें अगर इनमें छुपे हुए तारे की, तो वह तस्‍वीर के बीचों बीच, जो दोनों ‘पंखों' को जोड़ती है, वहां छुपा हुआ  है। इसकी रोशनी प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क के ऊपर और नीचे लीक हो रही है और आसपास की गैस और धूल को रोशन कर रही है। 

ऑब्‍जर्वेशंस बताते हैं कि L1527 लगभग 1,00,000 साल पुराना है। इसे क्‍लास जीरो प्रोटोस्टार माना जाता है, जो किसी तारे के निर्माण का प्रारंभिक चरण है। अभी यह नहीं पता कि तारे को ‘जन्‍म लेने' यानी एक तारे की तरह चमकने में कितना समय लगेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस हैरान करने वाली चीज का अध्ययन करने से उन्हें यह जानने में मदद मिलेगी कि अपने गठन की शुरुआत में सौर मंडल और सूर्य कैसा दिखता था।
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बात करें जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप की, तो यह अंतरिक्ष में तैनात अबतक का सबसे बड़ा टेलीस्‍कोप है। एजेंसी ने पिछले साल दिसंबर में इसे लॉन्‍च किया था। जेम्‍स वेब के निर्माण में 10 अरब डॉलर (लगभग 75,330 करोड़ रुपये) की लागत आई है। यह दूरबीन डीप स्‍पेस की कई शानदार तस्‍वीरें दिखा चुकी है। 
 

 

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