पृथ्वी के नजदीक एस्टरॉयड्स (Asteroid) का आना जारी है। एक के बाद एक कई एस्टरॉयड हमारे करीब आ रहे हैं। इनमें से कुछ साइज में काफी बड़े हैं। अच्छी बात है कि यह पृथ्वी के लिए खतरा नहीं हैं और एक निश्चित दूरी से हमारे ग्रह के करीब से गुजरेंगे। एस्टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। ये भी सूर्य का चक्कर लगाते हैं। अभी तक वैज्ञानिक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं। आइए जानते हैं अगले 5 दिनों में कितने एस्टरॉयड हमारे नजदीक आ रहे हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, आज यानी 26 अगस्त को एस्टरॉयड ‘NEO 2022 QP4' हमारी पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। यह करीब 13 लाख 96 हजार 682 किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी को पास करेगा। यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी का तीन गुना से अधिक है। ‘2022 QP4' एक छोटा एस्टरॉयड है। एक बस जितना साइज है इसका। यह 7 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से सफर कर रही है।
इसके एक दिन बाद यानी कल 27 अगस्त को एस्टरॉयड ‘NEO 2022 QQ4' पृथ्वी के करीब आएगा। 110 फीट के अनुमानित साइज वाला यह एस्टरॉयड एक विमान के बराबर है। यह 7 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से सफर करेगा। खास बात यह है कि कल के बाद यह एस्टरॉयड 18 अगस्त 2131 को पृथ्वी के नजदीक आएगा।
वहीं, 28 अगस्त को एस्टरॉयड ‘NEO 2022 QP3' पृथ्वी से 50 लाख किलोमीटर की दूरी से उड़ान भरेगा। इसका साइज भी करीब 110 फीट होने का अनुमान है। यह 8 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। 16 अगस्त 2025 को यह एस्टरॉयड दोबारा पृथ्वी के नजदीक आएगा।
इसके अलावा, सोमवार एस्टरॉयड ‘2022 QX4' और ‘2017 BU' हमारी पृथ्वी के करीब से गुजरेंगे। एक दिन में दो एस्टरॉयड का पृथ्वी के नजदीक आना दिलचस्प है। एस्टरॉयड ‘2022 QX4' का साइज करीब 140 फीट है, जबकि एस्टरॉयड ‘2017 BU' करीब 100 फीट का है। एस्टरॉयड ‘2022 QX4' इससे पहले साल 1977 में पृथ्वी के करीब आया था। अब यह 9 सितंबर 2026 को वापस आएगा। वहीं, एस्टरॉयड ‘2017 BU' को 19 जनवरी 2017 को देखा गया था। इस बार यह 65 लाख किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी से गुजरेगा। यह एस्टरॉयड दोबारा 5 फरवरी 2051 को हमारे करीब आएगा।
एस्टरॉयड जब पृथ्वी के करीब आते हैं, तो वैज्ञानिक इनके और पृथ्वी के बीच की दूरी को देखते हैं। इसके लिए सैटेलाइट और रडार की मदद ली जाती है। ज्यादातर एस्टरॉयड मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मेन एस्टरॉयड बेल्ड में परिक्रमा करते हैं, लेकिन कई एस्टरॉयड की कक्षाएं ऐसी होती हैं, जो पृथ्वी के पास से गुजरती हैं। पृथ्वी के कक्षीय पथ को पार करने वाले एस्टरॉयड को अर्थ-क्रॉसर्स के रूप में जाना जाता है।