अंतरिक्ष अब ग्रहण या टूटते तारे जैसी खगोलीय घटनाओं के देखने भर का विषय नहीं रह गया है, अब लोग इस क्षेत्र में काम करने के लिए भी उत्साहित होने लगे हैं। एक हालिया सर्वे में सामने आया है कि भारत में 24 प्रतिशत लोग स्पेस सेक्टर में काम करना चाहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह आंकड़ा अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया से दोगुना है।
अंतरिक्ष का क्षेत्र अब वैज्ञानिकों तक सीमित नहीं रह गया है, अब जन साधारण भी इसमें रुचि ले रहा है और भारत जैसे विकासशील देश के अंदर बड़ी जनसंख्या में मौजूद मध्यम वर्ग भी अब स्पेस से जुड़े विषयों के बारे में जानना चाहता है।
Inmarsat की ओर से किया गया यह ग्लोबल सर्वे बताता है कि भारत में 24% से अधिक लोग अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने में रुचि रखते हैं। Inmarsat ब्रिटिश सैटेलाइट ऑपरेटर है।
Inmarsat ने जो
सर्वे किया है, उसके मुताबिक देश में अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने की इच्छा रखने वालों का 24% का यह आंकड़ा अन्य विकसित देशों के मुकाबले दोगुना है। सर्वे के मुताबिक जर्मनी में यह आंकड़ा 12%, चीन में भी 12%, अमेरिका में 10%, यूके में 5%, साउथ कोरिया में 7% और ब्राजील में 14% है। देश में युवा वर्ग इसमें खास रुचि ले रहा है। डॉक्टर, इंजीनियर जैसे पेशे की जगह अब स्पेस सेक्टर जैसे चुनौती भरे कैरियर को आज का युवा अपनाना चाहता है।
हाल ही में इस क्षेत्र में देश के युवाओं की बढ़ती रुचि को देख In Space नामक एजेंसी भी बनाई गई है। पिछले दिनों मन की बात कार्यक्रम में भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय में बात की थी। जाहिर है कि देश की सरकार भी अब जानती है कि युवाओं की रुचि अंतरिक्ष में बढ़ रही है और इसके लिए देश में ऐसी संस्थाओं का निर्माण करने की आवश्यकता है जो स्पेस में रुचि रखने वाले लोगों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने का काम कर सकें।
Inmarsat की ओर से किया गया यह सर्वे ऐसे समय में सामने आया है जब सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए देश में कंपीटिशन काफी तगड़ा हो गया है। भारती एयरटेल और जियो जैसी दिग्गज टेलीकॉम कंपनियां अब स्पेस इंटरनेट सर्विसेज के लिए कमर कस रही हैं। वहीं, एलन मस्क की Starlink भी भारत की ओर से अप्रूवल मिलने का इंतजार कर रही है जिससे कि वह देश में स्पेस इंटरनेट सर्विसेज शुरू कर सके।
इस ग्लोबल रिपोर्ट को
What on Earth is the Value of Space के टाइटल के साथ प्रकाशित किया गया है। सर्वे अपने आप में अब तक सबसे बड़ा सर्वे है जिसमें 11 देशों के 20 हजार लोगों ने भाग लिया है, जिसमें भारत भी शामिल है।