साल के अंत में हर अक्सर ही उसका विश्लेषण करते हैं। क्या कुछ हुआ और क्या नहीं। 2016 स्मार्टफोन के लिए मिला-जुला साल था। लेकिन कुछ फोन और घटनाक्रम ने हमें खासा निराश किया। आइए एक नज़र उन स्मार्टफोन पर डालते हैं जो उम्मीद पर खरे नहीं हो सके।
फ्रीडम 251सपने देखने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन ऐसे देखो जो पूरे हो सकें। ये बात रिंगिंग बेल्स के
फ्रीडम 251 स्मार्टफोन पर बिल्कुल फिट बैठती है। अब तक तो आपको 251 रुपये वाले स्मार्टफोन की पूरी कहानी याद आ गई होगी। मात्र 251 रुपये में हैंडसेट, इससे ज़्यादा बड़ा कुछ भी नहीं था। लेकिन कौतुहल का माहौल जैसे ही ठंडा हुआ। स्थिति स्पष्ट होने लगी। मार्केट में 251 रुपये का फोन लॉन्च भी हुआ, इसके लिए कइयों ने बुकिंग की भी, लेकिन यह कितनों को मिला? इस सवाल का जवाब ढूंढते रह जाएंगे। अब तो हाल यह है कि सीईओ के भी कंपनी से इस्तीफा देने की भी ख़बरें आ गई हैं।
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2016 में इन स्मार्टफोन ने बटोरीं सबसे ज़्यादा सुर्खियां)
सैमसंग गैलेक्सी नोट7गैलेक्सी एस7 एज से साल की शुरुआत बेहतरीन होने के बाद सैमसंग के लिए स्थिति अचानक बिगड़ गई। और इस बार वजह थी...
सैमसंग गैलेक्सी नोट7। फोन जब लॉन्च हुआ तो इसे खूब सराहना मिली। लेकिन अचानक ही चार्जिंग के दौरान फोन ब्लास्ट होने की खबरें आने लगीं। और धीरे-धीरे इसने संक्रामक रोग का रूप ले लिया। स्थिति इस कदर बिगड़ गई कि कंपनी ने आखिर में इस फोन को बनाना ही बंद कर दिया। और जो फोन बिक चुके थे उन्हें वापस मंगा लिया।
मोटो जी सीरीज़हिट फॉर्मूले को भुनाने में कुछ भी गलत नहीं है। मोटोरोला भी मोटो जी सीरीज़ के साथ ऐसा करती रही है। लेकिन 2016 में कंपनी ने एक तरह से इस फॉर्मूले को रायता फैला दिया। मोटो जी सीरीज में एक या दो नहीं, पूरे तीन फोन लॉन्च किए गए-
मोटो जी4,
मोटो जी4 प्ले और
मोटो जी4 प्लस। तीनों ही वेरिएंट कीमत में करीब 2,000-3,000 रुपये का अंतर है। भले ही कंपनी की रणनीति रही होगी कि वह हर कीमत में ग्राहकों के लिए एक विकल्प दे। लेकिन उसने एक तरह से अपने ग्राहकों को असमंजस में डालने का काम किया। इसके कुछ महीने बाद कंपनी ने मोटो ई3 पावर को 7,999 रुपये में लॉन्च कर दिया, यानी एक और विकल्प। अब ग्राहक के नज़रिए से देखिए कितना असमंजस में डालने वाला है यह। सबसे मज़ेदार बात यह है कि मोटोरोला की मालिक कंपनी लेनोवो है। और भारतीय मार्केट में लेनोवो इसी प्राइस रेंज में लगातार स्मार्टफोन पेश कर रही है। कभी-कभार तो ऐसा लगता है कि कंपनी दूसरों से ज़्यादा आपस में ही दंगल कर रही है।
एलजी जी5एलजी पर ये आरोप नहीं लग सकता कि वह स्मार्टफोन टेक्नोलॉजी में प्रयोग नहीं करती। लेकिन अकसर ही कुछ कमी रह जाती है, जिस वजह से फोन लोकप्रिय नहीं हो पाते।
एलजी जी5 कंपनी का पहला मॉड्यूलर फोन है। एलजी जी4 की निराशा के बाद कई एलजी प्रशंसकों को इसका बेसब्री से इंतज़ार था। पर एलजी वही पुरानी कमी ने सबको हैरान किया। हम बात कर रहे हैं कीमत की। इसे 52,990 रुपये में लॉन्च किया था। आज की तारीख में आपको करीब 36,000 रुपये में मिल जाएगा। लॉन्च के वक्त जब हमने फोन को
रिव्यू किया था तो कहा था, 'बिल्ड क्वालिटी और बेहतर हो सकती थी। मेटल बॉडी दी गई है लेकिन यह कई दूसरे फ्लैगशिप स्मार्टफोन जैसा एहसास नहीं देता।" डिज़ाइन के लिहाज से भी यह एक औसत फोन था। इसके अलावा मॉड्यूलर फंक्शन का पूरा फ़ायदा उठाने के लिए आपको अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी।
गूगल पिक्सलसाल 2016 को स्मार्टफोन मार्केट में गूगल ब्रांड की एंट्री के तौर पर भी याद किया जाएगा-
पिक्सल और
पिक्सल एक्सएल। दावा किया गया कि इन स्मार्टफोन में अब तक का सबसे बेहतरीन कैमरा है। और खास पिक्सल फोन के लिए गूगल असिस्टेंट को सार्वजनिक किया गया। लेकिन साल का अंत होते-होते यह फोन हर दूसरे दिन गलत वजह से सुर्खियों का हिस्सा बनने लगा। आप जब 50 हज़ार से ज़्यादा पैसे खर्चकर हैंडसेट खरीदते हो, तो आपके मन में एक ही बात होती है कि यह बस चलता रहे। लेकिन पिछले एक-दो महीनों में पिक्सल की बहुत ज़्यादा कमियां उजागर हुई हैं, जैसे कि एलटीई कनेक्टिविटी, कई बार कैमरा फ्रीज़ हो जाना, डबल टैप गेस्चर का ठीक से काम ना करना और कुछ लोगों के लिए तो यह फोन पूरी तरह से ठप हो गया। सच कहें तो शिकायतें कम नहीं होगीं तो इस हैंडसेट के लिए आईफोन की लोकप्रियता में सेंध लगाना आसान नहीं होगा।
निजी तौर पर कहें तो निराशा सबसे ज़्यादा नेक्सस ब्रांड के बंद किए जाने की भी है। क्योंकि मिड रेंज में यह आम यूज़र के लिए प्रीमियम जैसा एहसास देने वाला ब्रांड था। लेकिन अब गूगल की नज़र सीधे फ्लैगशिप सेगमेंट पर। ऐसे में को अब हमें दूसरे विकल्प के बारे में सोचना होगा।