Samsung का 900 करोड़  रुपये के मैन्युफैक्चरिंग इंसेंटिव पर सरकार से विवाद

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए मेक इन इंडिया अभियान में इंसेंटिव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 18 जनवरी 2023 19:25 IST
ख़ास बातें
  • सरकार का मानना है कि यह रकम इससे काफी कम है
  • मेक इन इंडिया अभियान में इंसेंटिव का महत्वपूर्ण हिस्सा है
  • सैमसंग का पिछली तिमाही में प्रॉफिट काफी घटा है

सरकार ने कंपनी को 165 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई है

दक्षिण कोरिया की कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Samsung का मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े लगभग 900 करोड़ रुपये के इंसेंटिव को लेकर केंद्र सरकार के साथ विवाद चल रहा है। कंपनी पिछले फाइनेंशियल ईयर के लिए सरकार से इस इंसेंटिव की मांग कर रही है। हालांकि, सरकार का मानना है कि यह रकम इससे काफी कम है। 

Bloomberg ने इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया कि सरकार ने कंपनी को 165 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई है। सरकार का कहना है कि अगर सैमसंग इससे ज्यादा रकम का दावा कर रही है तो उसके लिए अधिक जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए मेक इन इंडिया अभियान में इंसेंटिव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार ने दो वर्ष पहले देश में स्मार्टफोन की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के तौर पर 6.7 अरब डॉलर देने की घोषणा की थी। 

सैमसंग ने इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए देश में स्मार्टफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई थी। यह पिछले फाइनेंशियल ईयर में देश से स्मार्टफोन की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर थी। सैमसंग के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए बताया कि कंपनी इंसेंटिव के भुगतान पर सरकार के साथ बातचीत कर रही है। उनका कहना था कि कंपनी PLI स्कीम को सफल बनाने के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम कर रही है। 

इस मुद्दे पर टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री को भेजे प्रश्नों का उत्तर नहीं मिला। अमेरिकी स्मार्टफोन कंपनी Apple के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग करने वाली Foxconn को पिछले वर्ष मार्च में समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर के लिए 360 करोड़ रुपये के बेनेफिट मिले हैं। सैमसंग का  चौथी तिमाही में प्रॉफिट दो-तिहाई घटकर आठ वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गया। कंपनी पर ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन का बड़ा असर पड़ा है। इससे सैमसंग के मोबाइल जैसे डिवाइसेज और मेमोरी चिप्स की डिमांड और प्राइसेज घट गए हैं। दुनिया की इस सबसे बड़ी स्मार्टफोन, TV और मेमोरी चिप मेकर के प्रॉफिट में बड़ी गिरावट कंज्यूमर डिमांड में कमजोरी का संकेत है। इससे अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियों के तिमाही नतीजों में भी गिरावट आने की आशंका है। कंपनी का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ऑपरेटिंग प्रॉफिट 69 प्रतिशत घटकर 4.3 लाख करोड़ KRW (लगभग 27,980 करोड़ रुपये) रहने के बाद एनालिस्ट्स ने मौजूदा तिमाही में भी प्रॉफिट में कमी होने का अनुमान दिया है।  
 
 

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