वनप्लस वन (OnePlus One) ने पिछले साल सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ। 20 महीने पहले जो कंपनी मौजूद तक नहीं थी, उसने इतने कम समय में कस्टमर्स के बीच अपनी एक पहचान भी बना ली। कंपनी का मकसद 'फ्लैगशिप किलर' डिवाइस बनाने का रहा है जिसमें हाई-एंड स्पेसिफिकेशन तो मौजूद हों पर वे दूसरी कंपनियों के फ्लैगशिप डिवाइस से आधे दाम में मिलें। कंपनी बहुत हद तक ऐसा करने में सफल रही है, कम से कम कागज़ी तौर पर जरूर ही।
OnePlus One की सफलता के पीछे गूगल (Google) के नेक्सस (Nexus) फोन की कीमत का अहम योगदान था। Nexus 4 और Nexus 5 डिवाइस को 'वेल्यू फॉर मनी' कटेगरी का माना जाता था, पर Nexus 6 के साथ ऐसा नहीं देखने को मिला। इस डिवाइस की कीमत 50,000 रुपये के आसपास थी। ऐसे में OnePlus One 'वेल्यू फॉर मनी' प्रोडक्ट का तमगा हासिल करने में कामयाब रहा। इसके अलावा कंपनी की मार्केटिंग रणनीति भी उसके फायदे का कारण बनी। सबसे अहम था इनवाइट सिस्टम। इसमें कोई दो राय नहीं कि कम समय में कंपनी प्रशंसकों की लंबी फौज बनाने में कामयाब रही।
वनप्लस 2 (OnePlus 2) का लक्ष्य भी पुरानी सफलता को ही भुनाना है। भले ही पिछले डिवाइस की तुलना में लेटेस्ट स्मार्टफोन का दाम ज्यादा है, पर इसमें स्पेसिफेशन के दीवानों को खुश रखने के लिए बहुत कुछ है। OnePlus 2 को टेक्नोफाइल्स को ध्यान में रखकर डेवलप किया गया है, पर माइक्रोएसडी कार्ड स्लॉट, NFC और फास्ट चार्जिंग जैसे फ़ीचर को हटाया भी गया है। डिवाइस में दूसरे सिम कार्ड स्लॉट को शामिल किया जाना भारत जैसे मार्केट के लिए एक शानदार फैसला है, जहां पर OnePlus के दीवानों की कमी नहीं।
OnePlus 2 में दूसरा बड़ा बदलाव सायनोजेनमोड (CyanogenMod) की जगह अपने ऑक्सीजन ओएस (Oxygen OS) शामिल किया जाना है। Oxygen OS में कुछ एडिशनल फीचर के साथ एंड्रॉयड (Android) का स्टॉक वर्ज़न ही मौजूद है। वैसे हम Cyanogen में मौजूद कस्टमाइज़ेशन के विकल्प के प्रशंसक रहे हैं, पर यह One डिवाइस पर उतना स्टेबल नहीं था जितना की बाकी डिवाइस पर देखने को मिला। इस तरह से देखा जाए तो यह एक सुखद बदलाव है। कम से कम सैद्धांतिक तौर पर OnePlus 2 में कम सॉफ्टवेयर बग होने चाहिए। क्या हकीकत में ऐसा है? आइए जानते हैं।
डिज़ाइन और डिस्प्लेडिज़ाइन के मामले में
OnePlus 2 अपने पुराने वर्ज़न जैसा ही है, हालांकि कुछ छोटे-मोटे बदलाव के कारण डिवाइस नया सा लगता है। इस स्मार्टफोन की सबसे अनोखी खूबी स्टैंडस्टोन ब्लैक फिनिश है। अगर डिज़ाइन के मामले में आपको One ने लुभाया था तो आपको OnePlus 2 भी पसंद आना चाहिए। अगर आपको यह नहीं पसंद तो बंबू, ब्लैक एप्रिकॉट, केवलर और रोज़वूड वेरिएंट के बैक कवर खऱीद सकते हैं जो अमेज़न इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
OnePlus 2 में मेटल फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है और रीमूवेबल बैक कवर भी है। निचले हिस्से में मौजूद स्पीकर ग्रिल को ज्यादा मॉडर्न लुक दिया गया है जैसा कि हमें Apple और Samsung के नए फ्लैगशिप डिवाइस में देखने को मिला है। बॉटम में नया USB Type-C पोर्ट भी मौजूद है। फोन के पिछले हिस्से में OnePlus के लोगो के अलावा कोई और ब्रांडिंग नहीं है। बायीं तरफ Alert Slider मौजूद है। हम इसपर बाद में चर्चा करेंगे।
OnePlus 2 स्मार्टफोन में 5.5 इंच का फुल-एचडी डिस्प्ले मौजूद है जिसका व्यूइंग एंगल शानदार है। हमारे हिसाब से यह अब तक का सबसे ब्राइट डिस्प्ले है। कलर्स काफी नेचुरल हैं, थोड़े रूखे-रूखे से नज़र आते हैं। वैसे ओवरसेचुरेटेड पैनल की तुलना इस तरह के डिस्प्ले को ज्यादा पसंद करते हैं, पर कुछ लोगों को यह थोड़ा उदास ज़रूर लग सकता है।
सॉफ्टवेयर और परफॉर्मेंसOnePlus 2 स्मार्टफोन कंपनी के कस्टमाइज्ड ROM Oxygen OS 2.0 के साथ आता है जो मूलत: Android 5.1.1 Lollipop जैसा ही है, लेकिन कुछ नए फीचर के साथ। डिवाइस का लॉन्चर हाल ही में लॉन्च हुए Moto G (Gen. 3) के जैसा ही है। Android के स्टॉक वर्ज़न के फैन होने के नाते हम काफी खुश हुए। सेटअप के दौरान आपके पास Shelf नाम के फीचर को एक्टिवेट करने का विकल्प है जिसके बाद यह आपका लेफ्ट-मोस्ट होम स्क्रीन बन जाता है।
OnePlus का कहना है कि Shelf फीचर एक किस्म का एक्सपेरीमेंट है। इस वक्त पर यह बहुत ज्यादा उपयोगी भी नज़र नहीं आता। हमें Google Now पसंद है। अगर आप चाहें तो Google Now लॉन्चर को डाउनलोड करके इंस्टॉल कर सकते हैं। अब यह देखना मज़ेदार होगा कि आने वाले दिनों में Shelf में किस किस्म के बदलाव देखने को मिलते हैं।
OnePlus 2 में मल्टीपल यूज़र और गेस्ट मोड मौजूद है। स्मार्टफोन में ऐप पर्मिशन मैनेजर फ़ीचर भी मौजूद है जो आपको हर ऐप के रिसोर्स पर्मिशन को मैनेज करने की सुविधा देता है। इस किस्म का फ़ीचर हमें Xiaomi के स्मार्टफोन में देखने को मिलता है। यह एक बेहतरीन फीचर है, क्योंकि इससे आपको अपने स्मार्टफोन का पूरा कंट्रोल मिल जाता है। एक बात का ज़रूर ध्यान रखें कि इस फीचर के इस्तेमाल करने पर कई ऐप की कोर फंक्शनालिटी पर भी असर पड़ेगा।
OnePlus 2 के दो हार्डवेयर फीचर ऐसे हैं जो बहुत हद तक सॉफ्टवेयर से जुड़े हुए हैं। ये हैं फिंगरप्रिंट स्कैनर और अलर्ट स्लाइडर।
डिवाइस को अनलॉक करने के लिए फिंगरप्रिंट स्कैनर का इस्तेमाल करना आसान है। वैसे आप चाहते हैं कि आपका फिंगरप्रिंट रीडर सुचारू ढंग से चले तो आप इसे एक समय अंतराल के बाद साफ करते रहें। अगर आप बटन के ऊपर विज़िबल प्रिंट देख पा रहे हैं तो संभावना है कि फोन में लॉग इन करने के लिए आपको दो-तीन बार कोशिश करनी होगी। हमने शायद ही कभी आईफोन के साथ इस समस्या का सामना किया हो। कई मौकों पर तो फिंगरप्रिंट स्कैनर ने बिल्कुल ही काम नहीं किया। हमें फोन में PIN डालकर उसे अनलॉक करना पड़ा।
अब बात alert slider की। यह एक बटन को दिया गया चतुराई भरा नाम है जिसके जरिए आप अलग-अलग प्रोफाइल के बीच स्विच कर सकते हैं। अगर सबसे निचले पोज़ीशन को जनरल प्रोफाइल मान लिया जाए जिसके अंदर आप सभी नोटिफिकेशन के लिए ऑडियो अलर्ट रिसीव करते हैं। अगर आप स्लाइडर को बीच में ले जाते हैं तो आपको अहम नोटिफिकेशन के लिए ही ऑडियो अलर्ट मिलेगा। अब कौन से नोटिफिकेशन अहम हैं उन्हें आपको तय करना होगा। टॉप पर स्लाइड कर देने के बाद आपको कोई ऑडियो अलर्ट नहीं मिलेगा। हालांकि, नोटिफिकेशन आपके स्क्रीन पर दिखते रहेंगे।
OnePlus 2 में 64-bit Qualcomm Snapdragon 810 प्रोसेसर और 4GB का रैम (RAM) मौजूद है। जैसा कि उम्मीद थी कि आमतौर पर किए जाने वाले कामों करने में इस डिवाइस पर कोई दिक्कत नहीं आई। मल्टीटास्किंग और अलग-अलग ऐप के बीच स्वैप करना बेहद ही आसान था। हमें मिला रिव्यू यूनिट कभी धीमा पड़ता नहीं दिखा। Asphalt 8 जैसे गेम्स बड़ी आसानी से चले। हालांकि, हमने पाया कि एक बार लगातार 20 मिनट तक गेम खेलने के दौरान डिवाइस काफी गर्म हो गया था।
कुछ छोटी-मोटी कमियां भी हैं इस डिवाइस के साथ। कुछ ऐप्स चले ही नहीं और कुछ कभी-कभार क्रैश करते रहे। कई बार कॉल आने पर हम एंसर या रिजेक्ट कंट्रोल को लॉक स्क्रीन के नोटिफिकेशन के ऊपर नहीं देख पाए। हमें अपने फोन को अनलॉक करना पड़ा, फिर फोन कॉल का जवाब देने के लिए 'back to call' का विकल्प चुनना पड़ा। एक्सेलेरोमीटर को लेकर भी एक समस्या हुई। वीडियो लैंडस्केप मोड में तब तक स्विच नहीं हुआ जब तक हमने डिवाइस को रीस्टार्ट नहीं किया। एक बार तो सेलुलर डेटा ने ही काम करना बंद कर दिया। कुछ दिनों तक सारे उपाय लगाने के बाद हमें फोन को फैक्ट्री रीसेट करना पड़ा ताकि इससे काम में लाया जा सके।
एक कमी सॉफ्टवेयर अपडेट को लेकर सामने आई। जब हमने पहली बार फोन को बूट किया तो हमें अपडेट का नोटिफिकेशन मिला, लेकिन उस वक्त स्लो इंटरनेट कनेक्शन पर होने के कारण हमने इंस्टॉल नहीं करने का फैसला किया। हमें बाद में एहसास हुआ कि यह बहुत बड़ी गलती थी क्योंकि अपडेट का मैसेज दोबारा नहीं मिला। हमने डिवाइस को फैक्ट्री रीसेट भी कर दिया पर वह नोटिफिकेशन नहीं मिला। वैसे यूज़र डिवाइस को मैनुअली अपडेट कर सकते है, लेकिन ज्यादातर यूज़र इस फंक्शनालिटी के साथ छेड़छाड़ नहीं करना चाहते।
OnePlus 2 में एक नोटिफिकेशन LED मौजूद है जो अलग-अलग किस्म के नोटिफिकेशन आने पर अलग-अलग रंग में लाइट अप कर सकता है। फोन डिफॉल्ट मोड में SwiftKey के साथ आता है। इसमें Google का कीबोर्ड भी मौजूद है। आप चाहें तो गूगल प्ले से थर्ड-पार्टी कीबोर्ड भी इंस्टॉल कर सकते हैं।
जहां तक कॉल क्वालिटी का सवाल है तो जिन इलाकों में नेटवर्क मजबूत था OnePlus 2 ने अच्छा काम किया। कमजोर कनेक्टिविटी एरिया में इसकी परफॉर्मेंस बेहद ही खराब थी।
बैटरी लाइफ और कैमराबैटरी लाइफ के मामले OnePlus 2 ने दो तरह की परफॉर्मेंस दी। हमारे वीडियो लूप टेस्ट में बैटरी की परफॉर्मेंस औसत थी, जबकि दैनिक इस्तेमाल में शानदार। वो भी 4G नेटवर्क पर। अगर हमारा यूज़र पैटर्न पैमाना हो तो बैटरी को एक दिन तक चलने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। हम हालमें कई ऐसी बैटरियों से रूबरू हुए हैं जो बेंचमार्क टेस्ट पर में तो अच्छा रिज़ल्ट देती हैं, पर इस्तेमाल के दौरान नहीं।
OnePlus 2 में 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा है जो अच्छी रोशनी में शानदार डिटेल वाली तस्वीरें लेता है। अगर आप tap-to-focus फ़ीचर का इस्तेमाल करते हैं तो कैमरा ऑब्जेक्ट पर फोकस करने में थोड़ा वक्त लगाता है। कम लाइट में भी परफॉर्मेंस काफी अच्छी थी। बात जब अंधेरे में ली गई तस्वीर की हो तो OnePlus 2 की परफॉर्मेंस Apple के फ्लैगशिप डिवाइस से भी कमजोर है।
फ्रंट कैमरा काफी अच्छा है। कैमरा ऐप विकल्प के मामले में बहुत ही साधारण है। आपको इस डिवाइस में स्लो मोशन वीडियो के लिए सपोर्ट भी मिलता है, पर अच्छी रोशनी होने के बावजूद कैपचर किए गए ये वीडियो काफी डल नज़र आए। रेगुलर वीडियो में जब भी आप फ्रेम मूव करेंगे ऑटोफोकस उतनी तेजी से काम नहीं करता। लंबे समय तक 1080p में वीडियो शूट करने पर भी फोन गर्म हो जाता है। डिवाइस से 4K रिजॉल्यूशन का वीडियो भी शूट किया जा सकता है, पर एक बार में 10 मिनट से ज्यादा बड़ी क्लिप नहीं बनाई जा सकती।
कुल मिलाकर OnePlus 2 का कैमरा कहीं से Samsung Galaxy S6 और S6 Edge के जैसा नहीं है या iPhone 6 और iPhone 6 Plus के बराबर भी नहीं। ये माना कि इन डिवाइस की कीमत कहीं ज्यादा है पर जब आपने खुद को '2016 फ्लैगशिप किलर' का तमगा दिया है तो तुलना तो होगी ही।
हमारा फैसलाOnePlus 2 कई मामलों में अपने पुराने वर्ज़न से बेहतर है, पर इसमें कुछ ऐसी खामियां भी हैं जो हमें पुराने डिवाइस की याद दिलाती हैं। बैटरी लाइफ और सॉफ्टवेयर के मामले बहुत सुधार है, लेकिन सॉफ्टवेयर में और सुधार की गुंजाइश है। हम उम्मीद करते हैं कि कंपनी ने अपने क्वालिटी प्रोसेस में भी सुधार लाया है। हमें कई ऐसे यूज़र के बारे में पता है कि जिन्हें या तो OnePlus One के स्क्रीन से शिकायत थी या उन्हें मिला हैंडसेट कुछ महीनों के अंदर काम करना बंद कर दिया।
कंपनी ने इनमें से ज्यादातर कमियों को दूर करने की कोशिश भी की है। हम कई ऐसे OnePlus के प्रशंसकों को जानते हैं जिन्हें अपना फोन बहुत ही पसंद है, लेकिन शिकायत करने वालों की भी कमी नहीं है। यह कंपनी के लिए अच्छा नहीं है। अफसोस की बात यह है कि हम इस तरह की कमियों के बारे में रिव्यू यूनिट के जरिए नहीं जान सकते। हम ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते तक एक डिवाइस को इस्तेमाल करते हैं। इसलिए हम रिव्यू करने वालों के लिए यूज़र को एक हैंडसेट सुझाना चुनौती भरा काम होता है।
क्या आपको OnePlus 2 खरीदना चाहिए या नहीं? अगर आप एक डुअल-सिम एंड्रॉयड स्मार्टफोन की तलाश में है जिसकी बैटरी लाइफ अच्छी हो और वह एंड्रॉयड के लगभग स्टॉक वर्ज़न पर काम करता हो। और कीमत 25,000 रुपये के आसपास हो तो हमारा सुझाव होगा कि आप इस डिवाइस को खरीद लें, पर कुछ खामियों के साथ समझौता करने के लिए तैयार रहें। अगर आपको One पसंद आया था जिसके एज नए डिवाइस की तुलना में ज्यादा खुरदरे थे तो आपको नया डिवाइस भी पसंद आएगा। अगर आप उन यूज़र में से हैं जो 'वेल्यू फॉर मनी' से ज्यादा भरोसे को ज्यादा तवज्जो देते हैं और एक ऐसा स्मार्टफोन चाहते हैं जो बड़ी कंपनियों के प्रोडक्ट की तरह स्टेबल भी हो तो OnePlus 2 स्मार्टफोन अभी उस लीग में नहीं है। अंत में एक बात साफ कर दें, हम OnePlus 2 का रिव्यू दे सकते हैं इनवाइट नहीं।