भारत में स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक अच्छी आई है खबर। सरकार ने सोमवार को कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने तीन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस - डिजिटल टेलीविजन रिसीवर, यूएसबी टाइप-सी चार्जर और वीडियो सर्विलांस सिस्टम (VSS) के लिए क्वालिटी स्टैंडर्ड पेश किए हैं। इससे इन सभी डिवाइस के यूजर्स को फायदा पहुंचने वाला है और साथ ही इससे ई-वेस्ट को कम करने की सरकार की मुहीम को भी बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है।
समाचार एजेंसी PTI के
अनुसार, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि इनमें से पहला भारतीय स्टैंडर्ड (IS/IEC 62680-1-3:2022) USB Type-C रिसेप्टेकल्स, प्लग और केबल के लिए है, जो मौजूदा स्टैंडर्ड IEC 62680-1- 3:2022 को अपनाता है। यह स्टैंडर्ड विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, नोटबुक आदि के लिए एक समान USB Type-C पोर्ट, प्लग और केबल को जारी करने के लिए कहता है।
सरकार का मानना है कि इससे प्रति उपभोक्ता
चार्जर की संख्या में कमी आएगी, क्योंकि यूजर्स को अब हर बार नया डिवाइस खरीदने के लिए अलग-अलग चार्जर खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी और ई-वेस्ट को कम करने और सतत विकास की ओर बढ़ने के केंद्र के मिशन को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
वर्तमान में, यूजर्स को अपने पास मौजूद विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए
अलग-अलग चार्जर रखने पड़ते हैं, जिससे अतिरिक्त खर्च, ई-वेस्ट बढ़ता है और बहुत सी अन्य असुविधाएं भी होती हैं। दुनिया भर के देश इन मुद्दों के समाधान के लिए काम कर रहे हैं।
इसके अलावा, दूसरा भारतीय मानक (IS) 18112:2022 बिल्ट-इन सैटेलाइट ट्यूनर के साथ डिजिटल टेलीविजन रिसीवर के लिए है। बताया गया है कि इसके तहत निर्मित टीवी एक डिश एंटीना को एलएनबी के साथ जोड़कर फ्री-टू-एयर टीवी और रेडियो चैनलों को दिखाने में सक्षम होंगे।
वर्तमान में, देश में टीवी दर्शकों को विभिन्न पेड और
फ्री चैनल देखने के लिए सेट-टॉप बॉक्स खरीदने की आवश्यकता होती है। दर्शकों को दूरदर्शन द्वारा प्रसारित फ्री टू एयर चैनलों (गैर-एन्क्रिप्टेड) देखने के लिए भी सेट टॉप बॉक्स का उपयोग करना आवश्यक होता है, लेकिन नए स्टैंडर्ड के लागू होने के बाद ऐसा नहीं होगा।
तीसरा स्टैंडर्ड "वीडियो निगरानी प्रणाली (VSS)" के लिए है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्टैंडर्ड IES 62676 सीरीज को अपनाता है। इसमें एक वीडियो निगरानी प्रणाली के सभी पहलुओं की एक विस्तृत रूपरेखा प्रदान की गई है, जैसे इसके लिए जरूरी कैमरा डिवाइस, इंटरफेस, सिस्टम आवश्यकताओं और इमेज क्वालिटी के लिए टेस्ट जैसी आवश्यकताएं।