BharOS: Android और iOS से कैसे अलग है भारत का अपना मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम, जानें कैसे करता है काम?
BharOS: Android और iOS से कैसे अलग है भारत का अपना मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम, जानें कैसे करता है काम?
भारओएस (BharOS) भारत सरकार की ओर से पेश किया गया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे देशवासियों की निजता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए डेवलप किया गया है।
Written by नितेश पपनोई,
अपडेटेड: 29 जनवरी 2023 11:05 IST
BharOS को JandKops द्वारा डेवलप किया गया है
ख़ास बातें
भारओएस (BharOS) भारत सरकार की ओर से पेश किया गया मोबाइल OS है
इसे Native Over The Air (NOTA) के साथ पेश किया गया है
BharOS एंड्रॉयड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट (AOSP) पर आधारित है
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भारत ने अपने स्वयं के ऑपरेटिंग सिस्टम भारओएस (BharOS) को लॉन्च करने की तैयारी पूरी कर ली है और ऑपरेटिंग सिस्टम फिलहाल टेस्टिंग फेज से गुजर रहा है। निश्चित तौर पर लॉन्च होने के बाद OS सीधा Android या iOS को बदलने की कोशिश करेगा, जो वर्तमान में ज्यादातर स्मार्टफोन डिवाइस पर काम करते हैं। BharOS पूरी तरह से स्वेदशी ऑपरेटिंग सिस्टम होगा। एंड्रॉयड और आईओएस की तुलना में इसमें कई अंतर होंगे।
क्या है BharOS?
भारओएस (BharOS) भारत सरकार की ओर से पेश किया गया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे देशवासियों की निजता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए डेवलप किया गया है। इस मोबाइल ओएस की तैयारी सरकार ने बहुत पहले ही कर दी थी। खास बात है कि इसको एंड्रॉयड और आईओएस दोनों तरह के यूजर्स इस्तेमाल कर सकेंगे। भारओएस के साथ कोई भी डिफॉल्ट ऐप नहीं आती है। यानि कि यूजर्स को इस बात की सहूलियत मिलेगी कि इस ओएस के साथ वे केवल उन्हीं ऐप्स को इस्तेमाल कर पाएंगे जिन्हें वे इस्तेमाल करना चाहते हैं। ओएस में पहले से कोई ऐप प्रीलोडेड नहीं आएगी।
BharOS में यूजर्स को इस बात की पूरी आजादी होगी कि वे किस ऐप को किन चीजों की परमिशन देना चाहते हैं। साथ ही सिस्टम किसी भी ऐप को इस्तेमाल करने के लिए यूजर को फोर्स नहीं करेगा। इसे Native Over The Air (NOTA) के साथ पेश किया गया है। NOTA अपडेट डिवाइस पर स्वयं ही डाउनलोड और अपडेट होते रहते हैं। इससे डिवाइस हमेशा ही OS के लेटेस्ट वर्जन के साथ अपडेटेड रहता है। इससे मोबाइल फोन या डिवाइस में सिक्योरिटी पैच लगातार मिलते रहते हैं और बग्स हमेशा ही फिक्स होते रहते हैं।
BharOS Android और iOS से अलग कैसे है?
BharOS एंड्रॉयड ओपन सोर्स प्रोजेक्ट (एओएसपी) पर आधारित है। यह इसे कुछ हद तक Google के Android ऑपरेटिंग सिस्टम के समान बनाता है। iOS, Apple का मालिकाना OS है और BharOS की इसके साथ कोई समानता नहीं है। Android और BharOS के बीच बड़ा अंतर यह है कि देशी ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी Google सर्विस या ऐप्स के साथ नहीं आता है। भारओएस में कोई प्री-इंस्टॉल्ड ऐप नहीं है, लेकिन यूजर्स अपनी पसंद का कोई भी ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को APK फाइल डाउनलोड करने की अनुमति भी दे सकता है। लेकिन, एपीके फाइलें संभावित रूप से खतरनाक हो सकती हैं।
BharOS को किसने किया है डेवलप?
BharOS को जैन्डके ऑपरेशन्स प्राइवेट लिमिटेड (JandKops) द्वारा विकसित किया गया है, जिसे आईआईटी मद्रास द्वारा स्थापित धारा 8 (लाभ के लिए नहीं) कंपनी आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा बनाया गया है। फाउंडेशन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार द्वारा अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों (NMICPS) पर अपने राष्ट्रीय मिशन के तहत फंड किया जाता है।
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