देसी इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Arattai अब बाजार में WhatsApp को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार हो रहा है।
Arratai अब WhatsApp को कड़ी टक्कर दे रहा है।
Photo Credit: WhatsApp/Arattai
देसी इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म Arattai अब बाजार में WhatsApp को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार हो रहा है। लंबे समय से यह ऐप सोशल मीडिया और नेटवर्किंग कैटेगरी में Apple ऐप स्टोर्स पर नंबर 1 बना हुआ है। Zoho के सीईओ श्रीधर वेम्बू ने Arattai की कंपेटिबिलिटी और उपयोगिता बढ़ाने के लिए एक ऐसे फीचर का सुझाव दिया है। जी हां इस साल सितंबर में वेम्बू ने ऐप्स के बीच मैसेजिंग प्रोटोकॉल को स्टैंडर्ड करने का सुझाव दिया था। यह उसी प्रकार है जैसे कि आज के समय में UPI कई ऐप्स पर काम करता है। X पर उन्होंने इस पर पोस्ट किया और अन्य इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म से भी इस पर विचार करने का अनुरोध किया, जिसे यूजर्स के लिए एक आसान इकोसिस्टम तैयार हो सके।
श्रीधर वेम्बू ने X पोस्ट में लिखा कि "इन सिस्टम को यूपीआई और ईमेल की तरह इंटरऑपरेबल होना चाहिए। यह आज के वॉट्सऐप की तरह बंद नहीं होना चाहिए। हम कभी भी एकाधिकार नहीं चाहते हैं।"
आसान भाषा में बताया जाए तो क्रॉस-कम्पैटिबिलिटी फीचर का मतलब है कि वॉट्सऐप उपयोग करने वाले व्यक्ति को Arattai उपयोग करने वाले व्यक्ति से चैट करने के लिए Arattai पर अलग से अकाउंट बनाने की जरूरत नहीं होगी। यह फीचर लोगों को कई ऐप और अकाउंट डाउनलोड किए बिना अलग-अलग मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर बाच करने की सविधा था। यह फीचर UPI ऐप्लिकेशन के जैसे काम करता है। जहां 'A' ऐप्लिकेशन इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति B ऐप्लिकेशन उपयोग करने वाले व्यक्ति को आसानी से पैसे भेज सकता है, जिसके लिए A ऐप्लिकेशन डाउनलोड करने की भी जरुरत है।
WhatsApp कथित तौर पर अगले साल तक नया क्रॉस-कम्पैटिबिलिटी फीचर रोल आउट करने जा रहा है। WaBetaInfo के अनुसार, WhatsApp एक ऐसे फीचर की टेस्टिंग कर रहा है, जिससे यूजर्स दूसरे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर भी लोगों को मैसेज भेज पाएंगे। फिलहाल इस फीचर की सुविधा सिर्फ यूरोप के बीटा टेस्टर्स तक ही है। इस फीचर के जरिए यूजर्स WhatsApp से किसी ऐसे व्यक्ति को मैसेज भेज सकते हैं जो Arattai उपयोग कर रहा हो। यानी कि यूजर्स Arattai ऐप बिना खोलने ही Arattai यूजर से बातचीत की सुविधा मिल सकता है। संभावना है कि इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म यूरोपीय संघ (EU) के नियमों के चलते इस फीचर की टेस्टिंग कर रहा है।
EU का डिजिटल मार्केट्स एक्ट बड़ी टेक कंपनियों के एकाधिकार को रोकना चाहता है। WhatsApp जैसे बड़े मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए अन्य सर्विस के लिए ओपन कम्युनकेशन चैनल रखना भी जरूरी है। आपको बता दें कि ऐसा लग रहा है कि नियमों का पालन करने के लिए क्रॉस-कम्पैटिबिलिटी की सुविधा सिर्फ यूरोपीय बाजारों में ही उपलब्ध होगी। WhatsApp ने भारत समेत अन्य क्षेत्रों में इस फीचर के विस्तार करने की कोई जानकारी नहीं दी है।
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