अमेरिका में बिडेन सरकार ने सोमवार को देश भर में 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) चार्जिंग स्टेशन बनाने का फैसला किया। निश्चित तौर पर यह दर्शाता है कि सरकार अमेरिका में ऑटोमोबाइल सेक्टर को इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल सेक्टर में बदलने का लक्ष्य बना चुकी है। आने वाले समय में इतनी तादात में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का उपलब्ध होना लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर बढ़ने में मदद करेंगे। उदाहरण के लिए, भारत इस मार्केट में टॉप पर अपनी जगह बनाने की पूरी क्षमता रखता है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भारत में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते ग्राहक अभी भी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स (electric two-wheelers) या इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर्स (electric four-wheelers) की ओर कदम नहीं बढ़ा रहे हैं।
अमेरिकी न्यूज़ एजेंसी Associated Press की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamla Harris) ने कहा, “हम इलेक्ट्रिक वाहनों को सभी के लिए सुलभ बनाना चाहते हैं। जैसे अपनी कार को गैस (फ्यूल) से भरना।" उन्होंने आगे कहा कि "हमारे देश और दुनिया भर में परिवहन का भविष्य इलेक्ट्रिक है।”
पिछले महीने ही राष्ट्रपति जो बिडेन ने $1 ट्रिलियन (लगभग 76 लाख करोड़ रुपये) के चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल पर हस्ताक्षर किए थे और राज्यों के निर्माण के लिए 5 बिलियन डॉलर का निर्धारण किया था।
यूएस की नई ईवी चार्जिंग पॉलिसी संघीय ऊर्जा और परिवहन विभागों के बीच एक संयुक्त इलेक्ट्रिक वाहन कार्यालय स्थापित करती है। यह राज्यों के लिए स्टैंडर्ड फिक्स करता है और सरकार का कहना है कि नई पॉलिसी निर्माताओं, राज्य और स्थानीय सरकारों, जनजातियों आदि के साथ परामर्श सुनिश्चित करता है।
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