UPI New Rules and Changes 2025: सबसे बड़ा बदलाव यही है कि अब हर UPI ऐप पर एक यूजर रोजाना सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकता है।
अब जब भी आप कोई UPI पेमेंट करेंगे, तो सक्सेसफुल ट्रांजैक्शन के साथ ही आपका बैलेंस भी शो होगा
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UPI New Rules and Changes 2025: अगर आप भी दिन में कई बार UPI से बैलेंस चेक करने की आदत रखते हैं, तो अब जरा संभल जाइए। 1 अगस्त 2025 से देशभर में नए UPI नियम लागू हो चुके हैं, जो खासतौर से सिस्टम को ओवरलोड होने से बचाने और ट्रांजैक्शन को और भरोसेमंद बनाने के लिए लाए गए हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की तरफ से मई में इन गाइडलाइंस को नोटिफाई किया गया था और सभी बैंकों, ऐप्स और PSPs को 31 जुलाई तक इन बदलावों को लागू करने का समय दिया गया था। चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि क्या बदलाव होने जा रहे हैं।
सबसे बड़ा बदलाव यही है कि अब हर UPI ऐप पर एक यूजर रोजाना सिर्फ 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकता है। और ये रिक्वेस्ट भी खुद यूजर को ही करनी होगी, ऐप खुद से बैलेंस चेक नहीं कर सकेगा। इतना ही नहीं, ऐप को अब ऐसा सिस्टम भी तैयार करना होगा कि ट्रैफिक ज्यादा होने पर ये बैलेंस चेकिंग प्रोसेस स्लो कर सके या रोक सके, ताकि सिस्टम पर ज्यादा लोड न पड़े।
इसके अलावा अब जब भी आप कोई UPI पेमेंट करेंगे, तो सक्सेसफुल ट्रांजैक्शन के साथ ही आपका बैलेंस भी शो होगा, जिससे अलग से बैलेंस चेक करने की जरूरत कम पड़ेगी और सिस्टम पर भी बोझ घटेगा। यानी UPI यूजर एक्सपीरियंस अब थोड़ा ज्यादा स्मार्ट और हल्का हो जाएगा।
NPCI ने एक और बदलाव किया है, जो है ‘List Account API' के जरिए अब कोई यूजर रोजाना एक ऐप से सिर्फ 25 बार ही अपने लिंक्ड बैंक अकाउंट्स की डिटेल्स देख सकेगा। और ये रिक्वेस्ट तभी की जा सकेगी जब यूजर ऐप में बैंक सेलेक्ट कर चुका हो। अगर दोबारा ट्राय करना हो, तो भी यूजर की एक्सप्लिसिट परमिशन जरूरी होगी।
UPI Autopay सिस्टम में भी अब बदलाव आ गया है। अब किसी भी ऑटोपे ट्रांजैक्शन को पीक ऑवर्स (10am-1pm और 5pm-9:30pm) में प्रोसेस नहीं किया जाएगा। हर ऑटोपे ट्रांजैक्शन को अब एक बार प्रोसेस करने की कोशिश मिलेगी और ज्यादा से ज्यादा 3 बार री-ट्राय करने की इजाजत होगी, यानी एक ऑटोपे रिक्वेस्ट को चार बार से ज्यादा सिस्टम ट्राय नहीं करेगा।
NPCI ने साफ कर दिया है कि जो भी बैंक या ऐप्स इन नियमों को फॉलो नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें API ब्लॉक करना, फाइन लगाना या नए कस्टमर्स को जोड़ने से रोकने जैसे एक्शन शामिल हैं।
ये सभी नियम 1 अगस्त 2025 से लागू हो चुके हैं। NPCI ने बैंकों और ऐप्स को 31 जुलाई तक का समय दिया था इन बदलावों को लागू करने के लिए।
नहीं। अब हर UPI ऐप पर एक दिन में अधिकतम 50 बैलेंस चेक रिक्वेस्ट की जा सकती हैं। ये रिक्वेस्ट सिर्फ यूजर द्वारा शुरू की जानी चाहिए, ऐप ऑटोमैटिकली नहीं भेज सकता।
अब Autopay ट्रांजैक्शन्स केवल नॉन-पीक ऑवर्स (10am-1pm और 5pm-9:30pm के अलावा) में ही प्रोसेस किए जाएंगे, जिससे सिस्टम पर लोड कम रहे।
हां, "List Account" API कॉल भी अब 25 रिक्वेस्ट/दिन पर सीमित हो गई है, वो भी सिर्फ तब जब यूजर खुद बैंक सेलेक्ट करे। री-ट्राई के लिए भी यूजर की मंजूरी जरूरी है।
हां। NPCI ने कहा है कि अगर कोई बैंक या ऐप नियम नहीं मानता तो उस पर API एक्सेस रोकने से लेकर फाइन और नए कस्टमर ऑनबोर्डिंग पर रोक लगाई जा सकती है।
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