अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार मेकर Tesla अपने मॉडल 3 और मॉडल S की 4,75,000 कारें रिकॉल कर रही है। इन कारों में रियर व्यू कैमरा और कार के ट्रंक में खामियां हैं जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इन कारों की मैन्युफैक्चरिंग पिछले सात वर्षों में हुई है और इनमें इस वर्ष बेची गई कारें भी शामिल हैं। इस रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयर में शुरुआती कारोबार के दौरान 3 प्रतिशत तक गिरावट आई थी। हालांकि, बाद में इसमें कुछ रिकवरी हुई।
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रोड सेफ्टी रेगुलेटर नेशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) की कैमरा में एक और समस्या को लेकर
टेस्ला के साथ बातचीत हो रही है। इसके साथ ही कंपनी के ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम की भी
जांच की जा रही है। NHTSA ने बताया कि मॉडल 3 की 3,56,309 और मॉडल S की 1,19,009 कारों को रिकॉल किया जा रहा है। इस बारे में टिप्पणी के लिए टेस्ला से संपर्क नहीं हो सका।
NHTSA ने कहा कि मॉडल 3 की कारों में रियर व्यू कैमरा की केबल हार्नेस को ट्रंक लिड के खोलने और बंद करने से नुकसान होने का अनुमान है जिससे कैमरा की इमेज को देखने में परेशानी होती है। हालांकि, टेस्ला का कहना है कि उसे इस वजह से हुई किसी दुर्घटना की जानकारी नहीं है। दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली ऑटोमोबाइल कंपनी टेस्ला के रिकॉर्ड तिमाही डिलीवरी करने की उम्मीद है।
Tesla की ब्रांड वैल्यू इस वर्ष 184 प्रतिशत बढ़ी है। यह ग्रोथ सभी ग्लोबल ब्रांड्स से अधिक है। पिछले एक दशक में टेस्ला का बिजनेस काफी मजबूत हुआ है और इसने एक प्रभावशाली ग्लोबल ब्रांड के तौर पर अपनी जगह बनाई है। इस वर्ष तीन डिजिट में ग्रोथ हासिल करने वाला टेस्ला एकमात्र ब्रांड है। दूसरे स्थान पर Sephora है, जिसकी ग्रोथ केवल 37 प्रतिशत की है। टेस्ला की कारों की बिक्री अमेरिका और चीन जैसे कुछ देशों में अन्य ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों की कारों को टक्कर दे रही हैं। टेस्ला ने भारतीय मार्केट में भी बिजनेस शुरू करने की योजना बनाई है। इसने केंद्र सरकार से इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करने की मांग की है। हालांकि, प्रमुख भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियां इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करने के विरोध में हैं। इन कंपनियों का कहना है कि इसमें देश में कारों के प्रोडक्शन पर असर पड़ेगा।
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