क्रैश टेस्ट के दौरान एक Tesla इलेक्ट्रिक कार में आग लग गई, लेकिन आग लगने की इस घटना के बाद लोग टेस्ला से नाराज नहीं है, बल्कि एक बड़ी ग्लोबल इंश्योरेंस कंपनी से खफा हैं। इसका कारण यह है कि इस कंपनी ने स्वीकारा है कि टेस्ला की इलेक्ट्रिक सेडान में आग लगने की इस घटना को पहले से प्लान किया गया था। यहां हम Axa कंपनी की बात कर रहे हैं, जो यह दिखाने की कोशिश कर रही थी कि इलेक्ट्रिक कार दुर्घटना में कितनी खतरनाक हो सकती है।
NPR.org के
अनुसार, Axa का कहना है कि आग Tesla इलेक्ट्रिक सेडान के बैटरी पैक में नहीं लगी थी, बल्कि वास्तव में कंपनी ने अगस्त के अंत में डेमो से पहले वाहन की बैटरी को हटा दिया था। स्विस ऑटो ट्रेड एसोसिएशन द्वारा पोस्ट किए गए क्रैश टेस्ट का एक वीडियो एक पीले रंग की टेस्ला को पलटते हुए दिखाता है। इसके कुछ सेकंड बाद ही, कार के इंजन से आग निकलना शुरू हो जाती है और देखते ही देखते कार का अगला हिस्सा आग की लपटों में घिर जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को, Axa स्विटजरलैंड ने एक बयान में कहा कि उसे खेद है कि क्रैश टेस्ट ने "गलत धारणा" दी और "भ्रम" पैदा किया।
कंपनी ने कहा कि उसे बैटरी से चलने वाली कार के डेमो के दौरान आग की लपटों में जाने के दौरान दर्शकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे। फर्म ने कहा कि कार की बैटरी हटा दी गई और आग को "नियंत्रित परिस्थितियों में" बुझा दिया गया।
कंपनी ने जर्मन वेबसाइट 24auto.de को दिए एक
बयान में स्वीकार किया कि उसने आग जलाने के लिए आतिशबाज़ी बनाने की विधि का इस्तेमाल किया। सड़क सुरक्षा के मुद्दों को उठाने के लिए क्रैश टेस्ट करने वाली एक्सा ने कहा कि उसके अपने डेटा से पता चलता है कि इलेक्ट्रिक वाहन दहन-इंजन वाले ऑटोमोबाइल की तुलना में अधिक दर से आग नहीं पकड़ते हैं।