दांत शरीर का ऐसा हिस्सा हैं जो न केवल खाना चबाने के काम आते हैं, बल्कि ये हमारी मुस्कराहट और हंसी में भी शामिल होते हैं। खिली हुई मुस्कान स्वस्थ दांतों के बगैर पूरी नहीं होती है। लेकिन, अगर यही दांत किसी के हम पर हंसने का कारण बन जाएं तो कैसा लगता है! मिहाली ओलिवा ग्रेस शेगेल (Mihaly Olivia Grace Schlegel) दांतों से जुड़ी ऐसी समस्या के साथ पैदा हुईं थी, जिसके कारण उनका जीना दूभर हो गया।
न्यूज टाइम्स यूके की
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के ऑक्लाहोमा में जन्मीं मिहाली के दांत जन्म से ही पारदर्शी थे। यानि कि जहां अन्य इन्सानों के दांत दूध से सफेद होते हैं, मिहाली के दांत ऐसे थे जिनके आर पार देखा जा सके। इनका आकार भी अजीब था और इन्हें शार्क टूथ यानि कि शार्क मछली जैसे दांतों वाली कहकर पुकारा जाने लगा। लोगों द्वारा मजाक बनाए जाने के अलावा इनके दांतों ने इनके खाना खाने में मुश्किलें पैदा कर दीं। मिहाली ठीक से खाना भी नहीं खा पाती थीं।
मिहाली के अनुसार, वह पारदर्शी दांतों के साथ पैदा हुई थी। जब वह 19 साल की हुई तो उनको नकली जबड़े की जरूरत महसूस होने लगी। क्योंकि उनके जन्मजात दांत बहुत कमजोर थे और वह ठीक से खाना भी नहीं खा पाती थी। साइंस की भाषा में ब्रिटल बोन डिसीज (brittle bone disease) कहा जाता है। इसके साथ दांतों से जुड़ी और भी कई बीमारियां आ जाती हैं। मिहाली ने बताया कि जब से उनके दांत निकलने शुरू हुए तो वे बहुत ही नाजुक थे और बिल्कुल पारदर्शी थे। इतना ही नहीं, हड्डियों से जुड़ी उनकी इस बीमारी के कारण उनके शरीर में 117 हड्डियां तड़की हुई थीं।
जैसे-जैसे वो बड़ी हो रही थी, उनको लग रहा था कि दांत मजबूत हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। समय के साथ उनके दांत और ज्यादा कमजोर होते गए। उनकी समस्या बढ़ती गई और उनको खाना खाने में भी दिक्कतें आने लगीं। 15 साल की उम्र में वह ब्रेड जैसी नर्म चीज भी नहीं खा पाती थी। मुस्कराते हुए भी उनका चेहरा बहुत भद्दा लगता था। लोग उनको शार्क टूथ कहने लगे।
मिहाली अपनी इस बीमारी से जूझती रहीं, इस समस्या के साथ जीने की कोशिश करती रही, लेकिन यह आसान नहीं था। दांतों के भद्देपन की वजह से उन्होंने मुस्कराना तक छोड़ दिया था। खाना खाने में उन्हें बहुत दर्द होता था। 13 साल की उम्र में उनके दिमाग में ख्याल आया कि उनको नकली जबड़ा लगवा लेना चाहिए। लेकिन, डॉक्टर उनकी बीमारी के कारण उनके जन्मजात जबड़े को तोड़ने से डर रहे थे क्योंकि ब्रिटन बोन डिसीज के कारण उनकी पहले ही 36 सर्जरी हो चुकी थी। शरीर में कई रॉड लग चुकी थीं।
8 दिसंबर 2021 को, 19 साल की उम्र में मिहाली के दांतों की एक सर्जरी की गई। उनके जबड़े में नए दांत लगाए गए। इस सर्जरी के बाद जब वो पहली बार मुस्कराईं तो उनकी आँखों में आंसू आ गए क्योंकि वह बहुत लम्बे समय बाद मुस्कराई थी। सर्जरी में 9,500 डॉलर (लगभग 7.5 लाख रुपये) का खर्च आया। मिहाली अब खुलकर मुस्करा सकती थी। उनकी खुशी का ठिकाना न था। हालांकि, अभी भी उनको कई प्रक्रियाओं से गुजरना है। लेकिन अब वो आराम से खा सकती है, मुस्करा सकती है। वह अब अपनी मुस्कराहट को खूबसूरत कह सकती है।