देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को पिछले फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में लगभग 10 अरब डॉलर के ऑर्डर्स मिले हैं। इसके साथ ही कंपनी की ऑर्डर बुक 34.1 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। TCS ने चौथी तिमाही के लिए सबसे अधिक संख्या में बड़ी डील्स हासिल की हैं। जनवरी-मार्च के दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 12 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 11,436 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह पिछले वर्ष की समान तिमाही में 9,959 करोड़ रुपये का था। कंपनी ने 24 रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा की है।
कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 16 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी के साथ 59,162 करोड़ रुपये रह। यह पिछले फाइनेंशियल ईयर की समान अवधि में 50,591 करोड़ रुपये था। चौथी तिमाही में कंपनी की ग्रोथ में उसके रिटेल और कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स (CPG) सॉल्यूशंस की बड़ी हिस्सेदारी थी। इसके CPG वर्टिकल की ग्रोथ 13 प्रतिशत की रही। इसके अलावा लाइफ साइंसेज और हेल्थकेयर वर्टिकल 12 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। कंपनी के बाकी वर्टिकल्स की ग्रोथ सिंगल डिजिट में रही।
TCS ने फरवरी में 60 करोड़ पाउंड की एक बड़ी डील हासिल की। यह डील ब्रिटेन की इंश्योरेंस और फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म Pheonix Group से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिए मिली है।
TCS को रीजन के लिहाज से नॉर्थ अमेरिका से सबसे अधिक ग्रोथ मिली। इसके बाद ब्रिटेन और भारत हैं।
कंपनी ने बताया है कि उसकी वर्कफोर्स में विमेन एंप्लॉयीज की संख्या बढ़कर 35.7 प्रतिशत हो गई है। पिछले महीने TCS के CEO, Rajesh Gopinathan ने इस्तीफा दे दिया था। कंपनी ने उनकी जगह BFSI के हेड, K Krithivasan को CEO नॉमित किया था। कंपनी के साथ गोपीनाथन 15 सितंबर तक बने रहेंगे। पिछले कुछ महीनों से भारत के साथ ही ग्लोबल टेक इंडस्ट्री को इकोनॉमिक स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बारे में कंपनी ने एक स्टेटमेंट में कहा था, " TCS के साथ 22 वर्ष से अधिक के शानदार करियर और पिछले छह वर्षों के दौरान मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO के तौर पर सफल पारी के बाद राजेश गोपीनाथन ने कंपनी को छोड़ने का फैसला किया है। बोर्ड ने K Krithivasan को तुरंत प्रभाव से CEO के तौर पर नामित किया है।" TCS ने बताया कि 1 जून से चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर Krithivasan अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।