स्विगी से बाहर हुए 380 वर्कर्स, CEO ने बताया अधिक हायरिंग के खराब फैसले का कारण

कंपनी के को-फाउंडर और CEO, Sriharsha Majety ने कहा कि कंपनी में खराब फैसला हुआ था और जरूरत से अधिक हायरिंग की गई थी

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 20 जनवरी 2023 18:54 IST
ख़ास बातें
  • स्विगी ने कहा है कि विकल्पों पर विचार करने के बाद यह फैसला किया गया है
  • देश में gig वर्कर्स की संख्या लगभग 77 लाख है
  • इन वर्कर्स में कंसल्टेंट्स, ब्लॉगर्स और डिलीवरी एग्जिक्यूटिव्स शामिल हैं

कंपनी का ग्रोथ रेट अनुमान से कम रहा है

ऐप के जरिए फूड डिलीवरी के ऑर्डर्स लेने वाली Swiggy ने कंपनी की रिस्ट्रक्चरिंग के हिस्से के तौर पर 380 वर्कर्स को बाहर किया है। स्विगी ने इसके लिए मैक्रोइकोनॉमिक स्थितियों के चुनौतिपूर्ण होने की वजह बताई है। हालांकि, कंपनी के को-फाउंडर और CEO, Sriharsha Majety ने कहा कि कंपनी में खराब फैसला हुआ था और जरूरत से अधिक हायरिंग की गई थी। 

कंपनी के प्रभावित वर्कर्स को एक ईमेल में Sriharsha ने उनसे माफी मांगते हुए कहा कि सभी विकल्पों पर विचार करने के बाद यह बहुत मुश्किल फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि स्विगी का ग्रोथ रेट कंपनी के अनुमान से कम रहा है। उनका कहना था, "कंपनी को इनडायरेक्ट कॉस्ट पर दोबारा सोचना होगा क्योंकि इससे प्रॉफिटेबिलिटी के लक्ष्यों पर असर पड़ रहा है। हमने इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑफिस जैसी अन्य इनडायरेक्ट कॉस्ट को लेकर पहले ही कदम उठाए हैं। हमें स्टाफ पर कुल खर्च में भी सुधार करना होगा। कंपनी में अधिक हायरिंग खराब फैसले की वजह से हुई थी। मुझे इसमें बेहतर करना चाहिए था।" 

स्विगी ने एंप्लॉयी असिस्टेंस प्लान के तहत प्रभावित वर्कर्स को कंपनी में बिताई उनकी अवधि और ग्रेड के आधार पर तीन से छह महीने के नकद भुगतान की पेशकश की है। इन वर्कर्स को तीन महीने की सैलरी या नोटिस पीरियड की सैलरी और कंपनी में पूरे किए गए प्रत्येक वर्ष के लिए 15 दिन के भुगतान के साथ ही बाकी अर्न्ड लीव का भुगतान में से जो भी अधिक हो वह मिलेगा।

हाल ही में स्विगी ने अपने डिलीवरी एग्जिक्यूटिव्स और उनके आश्रितों की इमरजेंसी की स्थिति में मदद के लिए एक एंबुलेंस सर्विस शुरू की है। इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए डिलीवरी एग्जिक्यूटिव्स को एक टोल-फ्री नंबर डायल करना होगा या वे इमरजेंसी की स्थिति में ऐप पर SOS को टैप कर सकते हैं। स्विगी ने बताया था कि एंबुलेंस सर्विस पर रिस्पॉन्स का मौजूदा औसत समय 12 मिनट है। इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। डिलीवरी एग्जिक्यूटिव्स को केवल अपनी पार्टनर ID की पुष्टि करनी होगी। हाल ही में नीति आयोग की एक स्टडी में कहा गया था कि देश में  gig वर्कर्स की संख्या लगभग 77 लाख है और 2029-30 तक यह बढ़कर लगभग 2.35 करोड़ हो सकती है। इन वर्कर्स में कंसल्टेंट्स, ब्लॉगर्स और डिलीवरी एग्जिक्यूटिव्स शामिल हैं। 
 
 

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