अमेरिका के बड़े बैंकों में शामिल सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के दिवालिया होने का भारत में स्टार्टअप्स पर भी असर पड़ सकता है। SVB को अमेरिकी रेगुलेटर्स ने बंद कर दिया है। इसके पास पिछले वर्ष के अंत में लगभग 209 अरब डॉलर के एसेट्स थे। डिपॉजिटर्स के एक दिन में 42 अरब डॉलर निकालने से बैंक दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया था।
IT राज्यमंत्री Rajeev Chandrasekhar ने ट्वीट कर
कहा, "भारतीय इकोनॉमी का स्टार्टअप्स एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। मैं इसके असर और सरकार की ओर से की जा सकने वाली मदद को समझने के लिए इस सप्ताह स्टार्टअप्स के साथ मीटिंग करूंगा।" दुनिया में भारत स्टार्टअप्स के बड़े मार्केट्स में से एक है। पिछले कुछ वर्षों में भारत के कई स्टार्टअप्स ने एक अरब डॉलर से अधिक का वैल्यूएशन हासिल किया है। इनमें विदेशी इनवेस्टर्स की बड़ी रकम लगी है। SVB के दिवालिया होने से दुनिया भर में मार्केट्स पर असर पड़ा है। इससे बैंकिंग शेयर्स के प्राइसेज में भारी गिरावट आई है।
एक भारतीय वेंचर फंड के दो पार्टनर्स और स्टार्टअप्स के एक लेंडर ने Reuters को बताया कि वे अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों से यह जांच कर रहे हैं कि क्या उनका SVB में फंड था और क्या वह उनके कुल बैंक बैलेंस का एक बड़ा हिस्सा है। हाल के वर्षों में बड़ी फंडिंग हासिल करने वाले कंज्यूमर इंटरनेट स्टार्टअप्स पर कम असर पड़ा है क्योंकि उनका SVB में एकाउंट नहीं है या इसमें बहुत कम फंड है। Mirae Asset Venture Investments के CEO, Ashish Dave ने
ट्वीट कर बताया, "मैंने कुछ फाउंडर्स के साथ बातचीत की है और यह बहुत बुरा है। अमेरिका में फर्में शुरू करने वाले भारतीय फाउंडर्स के लिए SVB डिफॉल्ट करने वाला बैंक है। ग्रोथ करने वाले स्टार्टअप्स के लिए स्थिति कुछ बेहतर है क्योंकि वे डायवर्सिफाइड हैं।"
सॉफ्टवेयर फर्म Freshworks ने बताया कि उसकी कुल बैलेंस शीट की तुलना में SVB में फंड बहुत कम है। Freshworks ने बताया, "ग्रोथ करने के साथ हमने Morgan Stanley, JP Morgan और UBS जैसे बड़े और डायवर्सिफाइड बैंकों के साथ कारोबार शुरू किया था। हमारे कैश और सिक्योरिटीज का बड़ा हिस्सा SVB में नहीं है।" इसके साथ ही फर्म ने बताया कि उसके एंप्लॉयीज या कस्टमर्स के लिए कोई मुश्किल होने की आशंका नहीं है।