सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इनवेस्ट करने का मौका, जानें डिटेल्स

इस स्कीम में गोल्ड के प्रति ग्राम के लिए 5,926 रुपये का प्राइस तय किया गया है। यह 23 जून तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगा

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 20 जून 2023 18:21 IST
ख़ास बातें
  • यह 23 जून तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगा
  • इस स्कीम में आठ वर्ष की लॉक-इन अवधि है
  • ये गोल्ड बॉन्ड केंद्र सरकार की ओर से RBI जारी करता है

इन पर 2.5 प्रतिशत प्रति वर्ष का फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट मिलता है

केंद्र सरकार की गारंटी वाली सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (SGB), 2023-24 के पहले भाग के लिए सब्सक्रिप्शन खुल गया है। इसमें गोल्ड के प्रति ग्राम के लिए 5,926 रुपये का प्राइस तय किया गया है। यह 23 जून तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगा। इसकी सेटलमेंट की तिथि 29 जून है। इसके लिए सब्सक्रिप्शन को ऑनलाइन बुक करने वाले इनवेस्टर्स को 50 रुपये का अतिरिक्त डिस्काउंट मिलेगा। 

ये गोल्ड बॉन्ड केंद्र सरकार की ओर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) जारी करता है। इन पर 2.5 प्रतिशत प्रति वर्ष का फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट मिलता है, जिसका भुगतान छमाही आधार पर किया जाता है। मैच्योरिटी पर मूल रकम के साथ फाइनल इंटरेस्ट दिया जाता है। SGB का दूसरा भाग 11 से 15 सितंबर के बीच उपलब्ध होगा। SGB को सरकार ने लगभग आठ वर्ष पहले गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत शुरू किया था। केंद्र सरकार की गारंटी वाली इस स्कीम में हिंदु अविभाजित परिवार (HUF), परोपकारी संस्थान, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटीज या देश में रहने वाले व्यक्ति गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं। 

SGB को कमर्शियल बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों को छोड़कर), पेमेंट बैंकों, रीजनल रूरल बैंकों और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL) से खरीदा जा सकता है। यह खरीद सीधे स्टॉक एक्सचेंजों या एजेंट्स के जरिए की जा सकती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को फिजिकल गोल्ड की डिमांड को घटाने के लिए शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य गोल्ड को खरीदने में इस्तेमाल होने वाली सेविंग्स को फाइनेंशियल सेविंग्स में लगाने का भी है। इस स्कीम में आठ वर्ष की लॉक-इन अवधि है। हालांकि, पांचवें वर्ष से इससे बाहर निकलने के विकल्प उपलब्ध हैं। निर्धारित अवधि से पहले स्कीम से बाहर निकलने के लिए इंटरेस्ट के भुगतान की तिथियों पर विकल्प मिलता है। 

इस स्कीम में मिलने वाले इंटरेस्ट पर टैक्स देना होता है। इनकम टैक्स एक्ट के रूल्स के तहत, SGB के ट्रांसफर पर मिलने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स इंडेक्सेशन बेनेफिट के पात्र हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस स्कीम की लोकप्रियता बढ़ी है। इसमें इंस्टीयूशनल इनवेस्टर्स के साथ ही व्यक्तिगत इनवेस्टर्स की भागीदारी में भी तेजी आई है। हालांकि, इसके बावजूद गोल्ड की डिमांड पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में गोल्ड के प्राइस में तेजी का इस स्कीम के इनवेस्टर्स को भी फायदा मिला है। 
 
 

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ये भी पढ़े: Gold, Investors, Tax, SGB, Market, Interest, RBI, Demand, Maturity, Payment, Banks, Purchase, Online, Price

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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