गूगल Google पर रूस में बड़ा जुर्माना लगा है। मॉस्को की एक कोर्ट ने कहा है कि अवैध कंटेंट को हटाने में नाकाम रहने पर वह Google पर 7.2 बिलियन रूबल (लगभग 735 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगा रही है। रूस में अपनी तरह का यह पहला बड़ा रेवेन्यू-बेस्ड जुर्माना है। इस साल एक अभियान में रूस ने बड़ी कंपनियों पर दबाव बढ़ा दिया है। इसे रूस द्वारा इंटरनेट पर कड़े नियंत्रण की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है। आलोचकों का कहना है इससे व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट स्वतंत्रता को खतरा है।
रॉयटर्स के मुताबिक, एक ई-मेल में Google ने कहा है कि आगे के कदमों पर फैसला लेने से पहले वह कोर्ट के फैसले को स्टडी करेगी। इस पूरे साल रूस ने विदेशी टेक कंपनियों पर छोटे-छोटे जुर्माने लगाए हैं। शुक्रवार को लगा जुर्माना पहली बार कंपनी के सालाना रूसी कारोबार के प्रतिशत पर वसूला गया है। इससे जुर्माने की रकम काफी बढ़ गई है। रॉयटर्स की कैलकुलेशन से पता चला है कि यह लगभग 8 फीसदी है।
रूस ने टेक कंपनियों को ऐसे पोस्ट डिलीट करने का आदेश दिया है, जिनमें ड्रग अब्यूज से लेकर घरेलू हथियारों और विस्फोटकों से जुड़ी जानकारी का प्रचार किया गया है। कंटेंट के उल्लंघन से जुड़े मामलों में Google को इस साल 32 मिलियन रूबल (लगभग 3 करोड़ रुपये) से अधिक का जुर्माना देना पड़ा है।
पिछले हफ्ते एक रूसी बिजनेसमैन ने एक मामले में Google पर जीत का दावा किया था। गूगल और मेटा समेत 13 विदेशी टेक्नॉलजी कंपनियों को रूस ने 1 जनवरी तक का वक्त दिया है। इन कंपनियों को रूस से ही ऑपरेट करना होगा, वरना इनको संभावित प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि हाल ही में Facebook ने जुर्माने के रूप में 1.7 करोड़ रूबल (लगभग 1.73 करोड़ रुपये) का भुगतान किया है। रूस में कंपनी पर यह जुर्माना अवैध कंटेंट को नहीं हटाने के लिए लगाया गया था। Interfax न्यूज एजेंसी ने एक
रिपोर्ट में बताया है कि कंपनी पर इससे भी बड़ा जुर्माना लगाए जाने की संभावना है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम ने भी 1.5 करोड़ रूबल (लगभग 1.53 करोड़ रुपये) का जुर्माना भरा है। इन कंपनियों पर कंटेंट को लेकर रूस के कानून का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप है और इस वजह से इनके सालाना रेवेन्यू का कुछ प्रतिशत जुर्माने के रूप में वसूला जा सकता है।