भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Raod Transport and Highways of India) ने 2022 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की है जिसमें रोड एक्सीडेंट्स की संख्या में बढ़ोत्तरी बताई गई है। इसमें कहा गया है कि टूव्हीलर्स के साथ होने वाला हादसों में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। साथ ही पैदल चलने वाले लोगों की मृत्यु की घटनाएं भी बढ़ी हैं। रिपोर्ट में 2021-22 के आंकड़े पेश किए गए हैं जिसके मुताबिक, 2021 में जो कुल रोड एक्सीडेंट हुए उनमें 45.1 प्रतिशत केवल टू-व्हीलर्स के हादसे थे।
सड़क दुर्घटनाओं में इस अवधि के दौरान 70 हजार के लगभग दोपहिया वाहन सवारों की मौत हुई। जबकि 2019 में यह संख्या 56,136 थी। 2019 की कुल सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले दोपहिया वाहन सवारों का प्रतिशत 37.1 था जो कि अब बढ़कर 45.1 हो गया है। वहीं, 2019 में पैदल चलने वालों की मौत की संख्या 25,858 थी जो कि 2021 में बढ़कर 29,124 हो गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि
टूव्हीलर के हादसों में मारे गए 69,385 लोगों में से लगभग 47 हजार लोग ऐसे थे जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। यानि कि अधिकतर लोग हेलमेट न होने के कारण मारे गए।
रिपोर्ट से यह तथ्य भी सामने निकल कर आता है कि दोपहिया वाहनों के हादसों में जान गंवाने का मुख्य कारण हेलमेट का न होना था। यहां पर उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा ऐसे मामले देखने को मिले जिसमें बिना हेलमेट के यात्री मौत का शिकार हो गए। उत्तर प्रदेश में 6,445 लोग इसी कारण से मारे गए। दूसरे नम्बर पर तमिलनाडू का नाम बताया गया है जहां पर बिना हेलमेट के मरने वालों की संख्या 5,888 बताई गई है। वहीं, इस मामले में महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा जिसमें इस तरह की घटनाओं में 4,966 लोग मारे गए।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने रिपोर्ट में ये भी बताया है कि सड़क हादसों के पीछे सबसे बड़ा कारण स्पीड लिमिट से ज्यादा पर वाहर चलाना रहा। यानि कि ओवरस्पीड करने की वजह से सबसे ज्यादा हादसे हुए। उसके बाद दूसरा बड़ा कारण लेन का पालन न करना बताया गया है। उसके बाद ड्रिंक एंड ड्राइव बड़ा कारण है और ट्रैफिक सिग्नल तोड़कर गाड़ी चलाना भी हादसों की वजह बना।