भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा ढांचे का अनुपालन न करने के लिए एपी महेश सहकारी शहरी बैंक (AP Mahesh Co-operative Urban Bank Ltd) पर 65 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बता दें कि हाल ही में हैकर्स ने बैंक के सिस्टम में सेंध लगाई थी और 12.48 करोड़ रुपये उड़ा लिए, जिसके बाद RBI ने बैंक का साइबर ऑडिट किया और साथ ही हैदराबाद पुलिस ने भी इस घटना की जांच की। संयुक्त जांच के बाद बैंक की महत्वपूर्ण "खामियों" का खुलासा हुआ और रिजर्व बैंक द्वारा जुर्माना लगाए जाने का फैसला लिया गया।
TOI के
अनुसार, RBI ने AP Mahesh Co-operative Urban Bank पर 65 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जैसे कि हमने बताया, जुर्माने का कारण बैंक द्वारा रिजर्व बैंक के साइबर नियमों में ढील बरतना था, जिसके चलते हैकर्स ने बैंक के सिस्टम में सेंध लगाकर 12.48 करोड़ रुपये की चोरी की। हैकिंग और साइबर चोरी 24 जनवरी, 2022 को की गई थी, जिसके बाद बैंक ने खुद इसकी सूचना पुलिस और रिजर्व बैंक को दी।
रिपोर्ट आगे बताती है कि पुलिस जांच में पता चला कि हैकर्स ने बैंक के कर्मचारियों को एक के बाद एक कई फिशिंग ईमेल भेजे। मैलवेयर वाले इन ईमेल को जब कर्मचारियों द्वारा खोला गया, तो इससे हैकर्स को बैंक के सिस्टम का एक्सेस मिल गया।
हालांकि, छह साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें से दो नाइजीरियाई नागरिक बताए गए हैं।
पुलिस जांच में साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन को लागू करने में बैंक की कथित लापरवाही निकलकर सामने आई। हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने बाद में इन खामियों की जानकारी आरबीआई गवर्नर को पत्र के जरिए दी और साथ ही उनके द्वारा बैंक के परिचालन लाइसेंस को निलंबित करने का भी अनुरोध किया गया।
पुलिस के अनुसार, बैंक के पास आवश्यक साइबर सिक्योरिटी स्ट्रक्चर नहीं था, जिसमें आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार, एंटी-फिशिंग एप्लिकेशन, घुसपैठ की रोकथाम और पहचान सिस्टम, रियल-टाइम डिफेंस एंड मैनेजमेंट सिस्टम जैसे सुरक्षा उपाय शामिल थे।