भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने डिफरेंशियल प्राइसिंग पर सुझाव जमा करने के लिए समय सीमा एक सप्ताह आगे बढ़ाकर सात जनवरी कर दी है। ट्राई के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि सभी सुझाव सात जनवरी तक जमा हो जाने चाहिए। यह सीमा बुधवार को खत्म हो रही थी।
ट्राई ने नौ दिसंबर को कहा था कि विभिन्न सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा डेटा सेवाओं पर अलग-अलग मूल्य तय करना भेद-भाव रहित मूल्य निर्धारण के सिद्धांत के विरुद्ध है। ट्राई ने इस पर विभिन्न हितधारकों की राय मांगी है।
ट्राई ने कहा कि कुछ कंपनियां कुछ खास वेबसाइटों की कुछ खास सामग्रियों, एप्लिकेशनों या प्लेटफार्मो को मुफ्त या कम कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं।
नियामक ने कहा, "ऐसी योजनाओं के उद्देश्यों के बारे में दावा किया गया है कि कंपनियां उपभोक्ताओं और खासकर गरीब उपभोक्ताओं को इंटरनेट पर कुछ निश्चित सामग्री मुफ्त उपलब्ध कराना चाहती हैं।"
नियामक ने कहा, "एक ओर ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ खास सामग्री पर दर घटाने से इंटरनेट उपयोग समग्र तौर पर सस्ता हो जाएगा। दूसरी ओर इसके कई नकारात्मक प्रभाव सामने आएंगे। अलग-अलग मूल्य निर्धारण से सामग्री उपयोग के आधार पर उपभोक्ताओं का वर्गीकरण होगा। यह भेद-भाव रहित दर के सिद्धांत के विरुद्ध है।"
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