रूस की राजधानी मॉस्को (Moscow) में मेट्रो का बेहद विशाल नेटवर्क है और शुक्रवार को, मेट्रो ने राजधानी में मौजूद अपने 240 से अधिक स्टेशनों पर एक खास आधुनिक फेशियल रेकग्निशन (चेहरे की पहचान करने वाली) तकनीक को इंस्टॉल किया है। यह सिस्टम यात्रियों के चेहरे की पहचान कर उनके अकाउंट से किराये के पैसे अपने आप काट देगा। मेट्रो का कहना है कि यह दुनिया में अपनी तरह की पहली पहल है।
Reuters की रिपोर्ट कहती है कि 12.7 मिलियन (1 करोड़ 27 लाख) से अधिक आबादी वाला शहर मॉस्को, दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो-निगरानी सिस्टम से लैस है। इस शहर ने COVID-19 क्वारंटाइन लागू करने के लिए इसी सिस्टम का इस्तेमाल किया था। यहां तक कि राजनीतिक रैलियों में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस ने इसी सिस्टम का इस्तेमाल कर प्रोटेस्टर्स को गिरफ्तार किया था।
हालांकि, अब इस सिस्टम का उपयोग एक और काम के लिए होने वाला है। रूस में इस सिस्टम को संभाने वाला डिपार्टमेंट अब यात्रियों को इस सिस्टम के जरिए किराये का पैसा कटवाने का ऑप्शन दे रहा है। इसमें एंट्री करने वाले टर्नस्टाइल (गेट) पर "Face pay" नाम का एक सिस्टम लगाया जा रहा है, जो यात्री के सामने आने पर उसके चेहरे की पहचान करेगा और अपने आप पेमेंट हो जाएगा। हालांकि यात्री के लिए इस पेमेंट ऑप्शन को अपनाना अनिवार्य नहीं है। इसके अलावा, पहले से मौजूद अन्य पेमेंट ऑप्शन के साथ भी भुगतान किया जा सकेगा।
रिपोर्ट कहती है कि यदि यात्री इस ऑप्शन को चुनते हैं, तो उन्हें पहले अपनी एक तस्वीर जमा करनी होगी और अपने ट्रांस्पोर्ट व बैंक अकाउंट को सिस्टम से लिंक करना होगा। इसके बाद इस सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए यात्री को टर्नस्टाइल पर लगे "Face Pay" सिस्टम के कैमरा पर देखना होगा और एंट्री गेट अपने आप खुल जाएगा।
रूसी राजधानी के परिवहन विभाग के प्रमुख मैक्सिम लिक्सुटोव (Maxim Liksutov) ने एक बयान में कहा, "मॉस्को दुनिया का पहला शहर है जहां यह सिस्टम इस पैमाने पर काम कर रही है।" लिक्सुटोव आगे कहते हैं कि "फेस पे का उपयोग स्वैच्छिक है और भुगतान के अन्य तरीके उपयोग में रहंगे।"
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