पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने कार और टू-वीलर इस्तेमाल करने वाले लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बारे में गंभीरता से सोचने पर मजबूर किया है। इसी वजह से बीते एक साल में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर के सेगमेंट ने 480 फीसदी की ग्रोथ देखी है। लोग अब जाकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन एक व्यक्ति ऐसे भी हैं, जो पिछले 16 साल से इलेक्ट्रिक स्कूटर चला रहे हैं और अब उन्होंने खुद के लिए इलेक्ट्रिक कार भी तैयार कर ली है। केरल के रहने वाले 67 साल के एंटनी जॉन बीते कई वर्षों से इलेक्ट्रिक व्हीकल इस्तेमाल करके पेट्रोल-डीजल के खर्चे से खुद को बचा रहे हैं। वह पेशे से करियर कंसल्टेंट हैं और इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स के सपोर्टर हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में उन्होंने एक इलेक्ट्रिक कार तैयार की है। वो कहते हैं, ‘मैं बूढ़ा हो रहा हूं। इसलिए मुझे एक ऐसा व्हीकल चाहिए था जो मुझे धूप और बारिश से बचा सके।'
हालांकि कार को तैयार करना आसान काम नहीं था। एंटनी जॉन को इस पर रिसर्च करने में ही कई दिन लग गए। डिजाइन फाइनल हुआ, तो एंटनी ने अपना आइडिया घर के पास स्थित एक ऑटोमोबाइल बॉडी बिल्डिंग वर्कशॉप के वर्कर विश्वनाथन मेस्थिरी से शेयर किया। वह गाड़ी की बॉडी बनाने के लिए तैयार हो गए। कार की बॉडी जंग रहित जापान शीट की बनी है। इसके स्टीयरिंग सिस्टम को टाटा नैनो (Tata Nano) से उधार लिया गया है। गाड़ी के कलपुर्जे दिल्ली से आए और कार को पूरी तरह से तैयार होने में एक साल लग गया।
कार को पहली बार देखने पर यह प्रभावित करती है। सबसे बड़ी बात यह इलेक्ट्रिक है। इसका डिजाइन ना तो बहुत एडवांस्ड है और ना बहुत आम सा। यह अपने आप में यूनीक लगती है। सिर्फ एक एक्सीलरेटर और एक ब्रेक की मदद से यह कार सड़कों पर दौड़ती है। इस कार में बजाज ऑटोरिक्शा के टायर लगाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इसकी बैटरी फुल चार्ज होने पर कार को 60 किलोमीटर तक दौड़ा सकती है। एंटनी बताते हैं कि कार का वजन 150 किलो है। उन्होंने पहले इसमें 20 AH की बैटरी लगाई थी। सिर्फ 12 किलोमीटर माइलेज मिलता है। वजन और रोजमर्रा की जरूरत को देखते हुए उन्होंने कार में 52 AH लिथियम फेरो फॉस्फेट बैटरी लगाई। वह कहते हैं, यह ज्यादा सुरक्षित है। आग भी नहीं पकड़ती।
तो बात दाम की भी कर लेते हैं, क्योंकि इलेक्ट्रिक कारों के मामले में लोग यहीं हाथ पीछे खींच लेते हैं। पर एंटनी जॉन की कार किफायती है। इसे तैयार करने में उनके चार लाख रुपये खर्च हुए। एंटनी तो दावा करते हैं कि इसका मेंटनेंस ना के बराबर है। कार सिर्फ एक यूनिट करंट इस्तेमाल करती है, जिसका खर्च 5 रुपये है। एंटनी की 33 इंच चौड़ी यह इलेक्ट्रिक कार उन सड़कों से भी गुजर सकती है, जिनसे निकलने में रिक्शे वाले भी किचकिच करते हैं। इसे पार्किंग के लिए भी ज्यादा जगह नहीं चाहिए।
कार में बैटरी के अलावा मोटर और कंट्रोलर है। स्टार्ट होने पर इसका कंटोलर बैटरी से बिजली खींचता है और उसे मोटर तक पहुंचाता है। जिसके बाद एंटनी अपनी कार में 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं। अच्छी बात यह है कि एंटनी की कार कानूनी रूप से सड़कों पर दौड़ सकती है। उन्हें इसकी मंजूरी मिली हुई है।
दरअसल इसके पीछे भी एक लॉजिक है। सेंट्रल व्हीकल मोटर रूल 2005 के मुताबिक, 25 किलोमीटर की अधिकतम स्पीड वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल को साइकिल माना जाता है। इसका रजिस्ट्रेशन और टैक्स देने का झंझट नहीं है। एंटनी की कार में डिजिटल मीटर लगा है, जो स्पीड और बैटरी का लेवल बताता है। इससे उन्हें सफर के दौरान सहूलियत मिलती है।
भई अब कार है, तो कुछ नाम भी होगा। इस कॉम्पैक्ट व्हीकल का नाम 'पुलकूडू' रखा गया है, जो एंटनी के घर का भी नाम है। कार में हेडलाइट, फॉग लाइट, इंडिकेटर और फ्रंट व बैक वाइपर भी हैं। एंटनी अब एक ऐसे व्हीकल पर काम कर रहे हैं, जो आम आदमी के लिए और किफायती हो।