हम अब तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ओर बढ़ रहे हैं और कहीं न कहीं हैकर्स को भी पता है कि इसके जरिए वे कई लोगों को अपना शिकार बना सकते हैं। हैकर्स ने अब AI के इस्तेमाल से लोगों को लूटना शुरू कर दिया है, जिसका एक दावा आईटी सिक्योरिटी फर्म ने भी किया है। फर्म का दावा है कि हैकर्स एआई द्वारा जेनरेट किए गए YouTube वीडियो का उपयोग कर लोगों को लूट रहे हैं और इसकी दर 200-300 प्रतिशत (महीने-दर-महीने) बढ़ गई है।
CloudSEK की
रिपोर्ट के अनुसार, हैकर YouTube वीडियो अपलोड करते हैं, जो पूरी तरह से AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के जरिए बने होते हैं। इन वीडियो में लोगों से ऐप्स और सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है, जो वास्तव में मैलवेयर होते हैं। पिछले कुछ समय से इस तरह की घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं। यूट्यूब दुनिया का सबसे पॉपुलर वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है, जिसे अरबों लोग विभिन्न मकसद से इस्तेमाल करते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन AI-जनरेटेड वीडियो में Vidar, RedLine और Raccoon जैसे खतरनाक मैलवेयर होते हैं, जो सिस्टम में आते ही यूजर की बेहद संवेदनशील जानकारियां, जैसे कि ब्राउजर डेटा के जरिए पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, ऑटो-फिल डेटा हासिल करना शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं, क्रिप्टो वॉलेट डेटा और उससे जुड़ी कुछ अहम डिटेल्स भी खतरे में पड़ जाती है। ज्यादातर वीडियो "Photoshop, Premiere Pro, Autodesk 3ds Max, AutoCAD सहित कई अन्य सॉफ्टवेयर के क्रैक किए गए वर्जन को डाउनलोड करने के तरीके पर ट्यूटोरियल होने का नाटक करते हैं।"
ये वीडियो कथित तौर पर ट्यूटोरियल देने के साथ यूजर्स को मुफ्त में उस पेड सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करने का वादा करते हैं। ऐसा नहीं है कि इस तरह वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में लिंक के जरिए मैलवेयर बांटने का काम पहले नहीं होता था, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, अब AI द्वारा जेनरेट किए गए वीडियो काफी असली और लुभावने लगते हैं, जिससे लोगों का भरोसा इनपर आसानी से हो जाता है। इन वीडियो में एआई-जेनरेट किए गए लोग होते हैं, जो विभिन्न भाषाओं में बात करते हैं और वास्तविक दिखते हैं।
यूं तो वीडियो मुख्य रूप से YouTube पर अपलोड होते हैं, लेकिन इन्हें Facebook, Instagram सहित कुछ अन्य प्लेटफॉर्म पर भी जमकर शेयर किया जाता है। वीडियो में मुफ्त ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है। लेकिन यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपके स्मार्टफोन या लैपटॉप/पीसी का डेटा जल्द हैकर के हाथ लग सकता है। ऐसे में हम आपको सलाह देंगे कि आप इस करह पेड सॉफ्टवेयर के क्रैक वर्जन, या की (key) जनरेटर आदि को डाउनलोड करने से बचें। इसके अलावा, स्मार्टफोन पर किसी ऐप या गेम के मॉड (mod) को भी डाउनलोड और इंस्टॉल न करें।