Google कुछ समय से अपने Google सर्च के लिए नए AI सर्च फीचर पर काम कर रहा है। ध्यान देने वाली एक बात यह है कि सर्च जेनरेटिव एक्सपीरियंस जैसे कुछ फीचर्स वास्तव में ऐड-सपोर्टेड वेब के कॉन्सेप्ट के साथ अच्छी तरह से मिलते नहीं हैं। कंटेंट क्रिएटर्स के अलावा Google को अपने रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा ऐड से भी मिलता है। इसके अलावा एआई मॉडल बनाने के लिए निवेश भी हो रहा है जिससे एंड यूजर्स को फायदा होगा। जबकि Google का इरादा सर्च एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने का था। खासतौर पर सामान्य ऐड-सपोर्टेड Google सर्च फ्री रहेगा।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में Google आने वाले समय में प्राइस टैग के साथ AI बेस्ड सर्च फीचर प्रदान कर सकता है।
Google के सूत्रों का सुझाव है कि AI बेस्ड फीचर्स Google की मौजूदा सबस्क्रिप्शन सर्विस जैसे Google One का हिस्सा बन सकती हैं। खास बात यह है कि रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पेड एक्सपीरियंस भी ऐड को नहीं हटा पाएगा। यह आज भी Google के बिजनेस मॉडल में ऐड के महत्व को साफ करता है।
ऐसा लगता है कि इनका उद्देश्य हर किसी की पसंद बने रहना है। हालांकि कुछ लोग एआई बेस्ड हेल्पफुल सर्च एक्सपीरियंस के लिए पेमेंट करने को तैयार होंगे, लेकिन अधिकतर शायद अब तक जो कुछ उन्होंने फ्री में इस्तेमाल किया है उसके लिए पेमेंट नहीं करना चाहेंगे। एक सर्वे से पता चला है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग फ्री प्लान के साथ बने रहने के इच्छुक हैं। Google के सर्च जेनरेटिव एक्सपीरियंस (SGE) की बात करें तो इस पर अभी भी टेस्टिंग चल रही है और जैसा कि Google नोट करता है कि यह अभी तक प्रोडक्ट-ग्रेड सर्विस के लिए तैयार नहीं है।
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