Pride Month के दौरान Google ने अपने Doodle के जरिए Frank Kameny के संघर्षों को किया याद

जून का महीना Pride Month के रूप में मनाया जाता है, ऐसे में इस खास महीने की शुरूआत में सामलैंगकिता को पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले फ्रैंक कामेनी को गूगल द्वारा याद किया गया है।

Pride Month के दौरान Google ने अपने Doodle के जरिए Frank Kameny के संघर्षों को किया याद
ख़ास बातें
  • Frank Kameny ले लड़ी थी सामलैंगिक के अधिकारिकों की लड़ाई
  • फ्रैंक कामेनी का जन्म 21 मई 1925 को न्यूयॉर्क में हुआ था
  • जून का महीना Pride Month के रूप में मनाया जाता है
विज्ञापन
Google का आज 2 जून को खास गूगल अमेरिकी एक्टिविस्ट Frank Kameny को समर्पित है। दरअसल, फ्रैंक कामेनी सामलैंगिक थे, जिस वजह से उन्हें समाज पर धब्बा समझा जाता था। यही नहीं उनके सामलैंगिक होने की वजह से उन्हें नौकरी से भी निकाल दिया गया था। लेकिन फ्रैंक कामेनी ने समाज के डर से अपनी पहचान छुपाना सही नहीं समझा। फिर क्या... फिर शुरू हुई समाज की सोच और सामलैंगिक के अधिकारिकों की लड़ाई। कई सालों बाद अब कई देशों में सामलैंगिकता को पहचान मिल चुकी है। इसी को देखते हुए जून का महीना Pride Month के रूप में मनाया जाता है, जिस दौरान सामलैंगिक लोगों को खुद पर गर्व महसूस कराया जाता है। इसके अलावा, समलैंगिकता को सपोर्ट करने वाले लोग जागरूकता फैलाने के लिए जगह-जगह पर कई कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। ऐसे में इस खास महीने की शुरूआत में सामलैंगकिता को पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले फ्रैंक कामेनी को गूगल द्वारा याद किया गया है।

Google ने अपने खास Doodle के जरिए Frank Kameny (फ्रैंक कामेनी) की उपलब्धियों और उनके संघषों को याद किया है। जैसे ही आज आप कुछ सर्च करने के लिए गूगल को खोलेंगे, तो आपको फ्रैंक कामेनी का डूडल देखने को मिलेगा। डूडल पर क्लिक करते ही आपको उन पर लिखे विभिन्न लेख और विकिपिडिया पेज़ देखने को मिलेगा, जिसे ओपन करके आप उनके संघर्षों और उपलब्धियों के बारे में पढ़ सकते हैं।  

इंटरनेट पर प्राप्त जानकारी के अनुसार, फ्रैंक कामेनी का जन्म 21 मई 1925 को न्यूयॉर्क में हुआ था। उन्होंने रिचमंड हिल हाई स्कूल, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, क्वींस कॉलेज, सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क जैसे संस्थानों से शिक्षा प्राप्त की थी। 1957 में फ्रैंक कामेनी ने आर्मी मैप सर्विस ( Army Map Service) के साथ अमेरिका सरकार के खगोल शास्त्री के रूप में नौकरी प्राप्त की थी, लेकिन बाद में उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। वजह थी उनका समलैंगिक होना। उस वक्त अमेरिका जैसे देश भी सामलैंगिकता को समाज पर कलंक समझा करते थे, लेकिन फ्रैंक कामेनी ने समाज के डर से अपनी पहचान छुपाना सही नहीं समझा। इस समाज की सोच के साथ अपनी लड़ाई का पहला कदम उठाते हुए फ्रैंक कामेनी ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। इसके बाद 1960 में उन्होंने व्हाइट हाउस के बाहर सामलैंगिक आधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन भी किए। यह अमेरिका में सामलैंगिक अधिकारों के लिए होने वाला पहला विरोध प्रदर्शन था। धीरे-धीरे करके उनके साथ कई और लोग जुड़ना शुरू हो गए, जिसके बाद अमेरिकी सरकार को आखिरकार फ्रैंक कामेनी के आगे आखिरकार झुकना ही पड़ा।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. दिवाली से पहले Flipkart Big Festive Dhamaka में मात्र 56 हजार में iPhone 16, 16 Pro, 16 Pro Max पर जबरदस्त डील
  2. फोन में इंटरनेट स्पीड बढ़ाने का ये तरीका नहीं होगा आपको मालूम, जानें
  3. iQOO Neo 11 में हो सकती है 7,500mAh की बैटरी, जल्द हो सकता है लॉन्च
  4. Apple के अगले CEO बन सकते हैं John Ternus, कंपनी के चीफ Tim Cook की हो सकती है रिटायरमेंट!
  5. itel ने भारत में पेश किया A100C स्मार्टफोन, इसमें ब्लूटूथ से होगी कॉलिंग! जानें स्पेसिफिकेशन्स
  6. Ather की बड़ी कामयाबी, 5 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की मैन्युफैक्चरिंग   
  7. Elon Musk को पसंद नहीं है QR कोड, X पर छिड़ी कमेंट्स की जंग, एक यूजर ने दे डाला आइडिया
  8. Apple का स्लिम और धांसू MacBook Air (M2) Rs 23 हजार के बंपर डिस्काउंट पर! यहां से खरीदें
  9. 7,000mAh की बैटरी के साथ भारत में लॉन्च होगा Moto G06 Power, Flipkart के जरिए बिक्री
  10. क्यों ठप्प पड़े अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की वेबसाइट्स और एजुकेशन प्रोग्राम? जानें वजह
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »