Google Doodle आज, 23 अप्रैल को नाजिहा सलीम को याद कर रहा है। नाजिहा एक पेंटर थीं, एक प्रोफेसर थीं और इराक के समकालीन कला क्षेत्र में सबसे प्रभावित करने वाले कलाकारों में से थीं। नाजिहा का आर्ट कलेक्शन शारजहां आर्ट म्यूजियम और मॉर्डन आर्ट इराकी आर्काइव में देखा जा सकता है। आज डूडल के जरिए नाजिहा की कला और इस क्षेत्र में उनके योगदान को Google सेलिब्रेट कर रहा है। उनके चित्रों में ग्रामीण ईराकी महिलाओं और उनके किसानी जीवन की झलक मिलती है। Google Doodle में जो तस्वीर दिख रही है, वह भी उनकी एक कलाकृति ही है।
तुर्की में इराकी कलाकारों के परिवार में जन्मीं नाजिहा के पिता एक पेंटर थे और उनकी माँ एक कुशल कढ़ाई कलाकार थीं। Google के अनुसार, उनके तीनों भाइयों ने कला क्षेत्र में ही काम किया, जिसमें जवाद भी शामिल थे। जवाद को इराक के सबसे प्रभावशाली मूर्तिकारों में से एक माना जाता है।
सलीम ने बगदाद के फाइन आर्ट्स इंस्टीट्यूट (Fine Arts Institute) में दाखिला लिया जहां उन्होंने पेंटिंग की स्टडी की और ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उनकी कड़ी मेहनत और कला के प्रति जुनून का सुबूत इसी बात से मिल जाता है कि उन्हें पेरिस में इकोले नेशनेल सुप्रीयर डेस बीक्स-आर्ट्स (École Nationale Supérieure des Beaux-Arts) में अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए स्कॉलरशिप दी गई।
नाजिहा ने पेरिस में रहते हुए फ्रेस्को और म्यूरल पेंटिंग में स्पेसिएलाइजेशन किया। स्नातक स्तर बाद उन्होंने कला और संस्कृति में स्वयं को जैसे डुबा लिया और अपनी कला के सफर को जारी रखते हुए कई साल विदेश में बिताए। उसके बाद वो बगदाद लौटीं। नाजिहा को इराक की सबसे प्रसिद्ध कलाकार के तौर पर याद किया जाता है। 15 फरवरी 2008 को उनका निधन हो गया था।