भारत का पॉपुलर ऑनलाइन गेम और फैंटेसी स्पोर्ट्स स्टार्टअप मोबाइल प्रीमियर लीग (Mobile Premier League) कथित तौर पर अपने कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है। प्लेटफॉर्म 50 प्रतिशत तक कर्मचारियों को घटा सकता है, ऐसी खबर सामने आ रही है। हाल ही में सरकार ने ऑनलाइन गेम्स, जो रियल मनी पर आधारित हैं, के ऊपर 28 प्रतिशत टैक्स लगाया था। कहा जा रहा है कि इसी के चलते प्लेटफॉर्म ने कर्मचारियों की संख्या को कम करने का फैसला किया है।
Mobile Premier League, जो कि बेंगलुरू आधारित फैंटेसी
ऑनलाइन गेम है, ने कथित तौर पर कुछ समय पहले अपने कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी।
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में प्लेटफॉर्म ने आज यानि 8 अगस्त को अपने कर्माचारियों को एक औपचारिक मेल भेज दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोडक्ट टीम इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होगी, जिसमें लगभग 60 कर्मचारियों को निकाला गया है। अभी तक इस बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है कि कंपनी में कुल कितने कर्मचारी काम करते हैं। रिपोर्ट में 350 कर्मचारियों को निकाले जाने की बात सामने आई है।
मोबाइल प्रीमियर लीग के फाउंडर और सीईओ साई श्रीनिवास ने कहा कि एमपीएल एक डिजिटल कंपनी है जिसमें वेरिएबल कॉस्ट के भीतर कर्मचारी, कंपनी के सर्वर और ऑफिस का इंफ्रास्ट्रक्चर आता है। इसलिए उन्हें इन खर्चों को नीचे लाने के लिए, और बिजनेस के चलते रहने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। नए टैक्स लागू होने के बाद कंपनी के ऊपर टैक्स के रूप में 300-400 प्रतिशत का अतिरिक्त भार पड़ गया है। इतना बड़ा बोझ पड़ने के कारण कंपनी कुछ कड़े और बेहद मुश्किल कदम उठा रही है।
आपको बता दें कि पिछले महीने
जीएसटी काउंसिल ने 50वीं बैठक में ऑनलाइन गेम्स, कसीनो और होर्स रेसिंग पर 28% टैक्स लगाने का फैसला लिया था। इससे पहले ऑनलाइन गेमिंग से होने वाले फायदे पर कंपनियों को 18% टैक्स देना पड़ता था जिसे अब 10% बढ़ा दिया गया है। यह बढ़ा हुआ टैक्स कंपनियों पर बड़ा बोझ बढ़ा रहा है। इस बोझ को कम करने के लिए ही मोबाइल प्रीमियर लीग ने छंटनी का यह फैसला लिया है।