फेसबुक की मालिक Meta का रेवेन्यू 16 प्रतिशत बढ़ा, Metaverse यूनिट में नुकसान

लगभग तीन वर्ष पहले फेसबुक की मेटा के तौर पर रीब्रांडिंग की गई थी। जकरबर्ग ने इसके साथ ही मेटावर्स में संभावनाएं तलाशने की योजना के बारे में जानकारी दी थी

विज्ञापन
Written by राधिका पाराशर, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 4 अप्रैल 2024 19:30 IST
ख़ास बातें
  • कंपनी की Reality Labs यूनिट पिछले तीन वर्षों से नुकसान में है
  • लगभग तीन वर्ष पहले फेसबुक की मेटा के तौर पर रीब्रांडिंग की गई थी
  • मेटा को कुछ देशों में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है

पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 40.1 अरब डॉलर का था

दुनिया भर में लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट Facebook को चलाने वाली Meta का पिछले वर्ष रेवेन्यू 16 प्रतिशत बढ़कर 134.9 अरब डॉलर का रहा। पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 40.1 अरब डॉलर का था। कंपनी के चीफ Mark Zuckerberg ने कहा कि रेवेन्यू के लिहाज से पिछला वर्ष अच्छा रहा है। 

हालांकि, कंपनी की Reality Labs यूनिट पिछले तीन वर्षों से नुकसान में है। Zuckerberg ने बताया, "पिछले वर्ष की चौथी तिमाही में हमारे बिजनेस और कम्युनिटी की ग्रोथ हुई है। हमने AI और मेटावर्स में काफी प्रगति की है।" लगभग तीन वर्ष पहले फेसबुक की मेटा के तौर पर रीब्रांडिंग की गई थी। जकरबर्ग ने इसके साथ ही मेटावर्स में संभावनाएं तलाशने की योजना के बारे में जानकारी दी थी। इसके लिए एक नई यूनिट Reality Labs बनाई गई थी। 

पिछले तीन वर्षों में Reality Labs ने मेटावर्स और ऑग्मेंटेंड रिएलिटी (AR) से जुड़े Quest VR जैसे हार्डवेयर प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं। पिछले वर्ष मार्च तक मेटा ने Quest हेडसेट की लगभग दो करोड़ यूनिट बेची थी। मेटा और गूगल जैसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को कुछ देशों में रेगुलेशंस का पालन नहीं करने की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने कहा था कि इंटरनेट पर बड़ी ऐड-टेक कंपनियों की दबदबा चिंता का विषय है। इन कंपनियों में इंटरनेट सर्च इंजन Google और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook शामिल हैं। इन कंपनियों की मोनोपॉली के खिलाफ कुछ अन्य देशों में रेगुलेटर्स ने कदम उठाए गए हैं। 

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राज्यमंत्री Rajeev Chandrasekhar ने कहा था कि डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स और बड़ी टेक कंपनियों के बीच रेवेन्यू की शेयरिंग का मॉडल इन कंपनियों की ओर से झुका है और ये सरकार के लिए चिंता का विषय है। उनका कहना था कि डिजिटल और टेक सेगमेंट को लेकर देश में बड़ा बदलाव हुआ है। देश को अब कम कॉस्ट वाले बैक ऑफिस शुरू करने की जगह के तौर पर नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण पार्टनर के तौर पर देखा जाता है। चंद्रशेखर का कहना था, "कंटेंट को तैयार करने वालों और इसे मॉनेटाइज करने में मदद करने वालों के बीच बड़े असंतुलन को लेकर हम चिंतित हैं। पॉलिसी बनाने के नजरिए से हम इंटरनेट को खुला रखना चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि इंटरनेट पर मॉनेटाइजेशन एक, दो या तीन कंपनियों के नियंत्रण में हो।" 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Vivo X200 FE ने भारत में दी 6500mAh बैटरी, डाइमेंसिटी 9300+ के साथ दस्तक, जानें कीमत और फीचर्स
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo X Fold 5, Samsung Galaxy Z Fold 7 या Google Pixel 9 Pro Fold खरीदने से पहले देखें कौन सा है बेस्ट?
  2. iPhone 16 Pro, Max, 16e, 16, 16 Plus पर 22 हजार का जबरदस्त डिस्काउंट, ऐसे खरीदें
  3. HMD T21 Tablet भारत में हुआ लॉन्च, 8,200 mAh की बैटरी, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. Moto G96 5G की कल से शुरू होगी बिक्री, जानें प्राइस ऑफर्स
  5. Realme 15 Pro 5G में मिलेगा 50 मेगापिक्सल का Sony IMX896 प्राइमरी कैमरा
  6. भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी से लेकर टेस्ला के मुंबई में शोरूम खोलने तक, ये हैं आज की महत्वपूर्ण खबरें
  7. Samsung इंडिया में 19 जुलाई को ला रहा है Galaxy F36 5G, लॉन्च से पहले सामने आया डिजाइन
  8. Tesla ने मुंबई में शुरू किया पहला शोरूम, जानें कितना होगा कंपनी की इलेक्ट्रिक कार का प्राइस
  9. अब बिना OTP के नहीं मिलेगी Tatkal टिकट! IRCTC का नया नियम आज से लागू, यहां जानें पूरा प्रोसेस
  10. India में YouTube 'Hype' फीचर, 500 सब्सक्राइबर्स वाले भी अब होंगे वायरल, जानें सबकुछ
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.