रूस के पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों को औपचारिक तौर पर मान्यता देने के बाद यूक्रेन को सायबर खतरों से निपटने में मदद के लिए यूरोपियन यूनियन (EU) के छह देश सायबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की एक टीम भेज रहे हैं। यूक्रेन की ओर से इस सप्ताह की शुरुआत में किए गए निवेदन के जवाब में लिथुआनिया, नीदरलैंड्स, पोलैंड, एस्टोनिया, रोमानिया और क्रोएशिया की ओर से यह टीम भेजी जाएगी। इस टीम को अन्य EU देशों की मदद के लिए बनाया गया था।
लिथुआनिया के उप विदेश मंत्री Margiris Abukevicius ने कहा, "यूक्रेन को विशेष घटनाओं से निपटने या सिक्योरिटी में कमजोरी को दूर करने के लिए अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का परीक्षण करने की जरूरत हो सकती है।" ब्रिटेन के रक्षा मंत्री Ben Wallace ने इससे पहले बताया था कि ब्रिटेन के सायबर एक्सपर्ट्स रूस से खतरे से निपटने में मदद के लिए यूक्रेन के साथ काम कर रहे हैं।
यूक्रेन की बैंकिंग और सरकारी वेबसाइट्स को ब्लॉक करने वाले डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) हमलों के पीछे रूस के मिलिट्री हैकर्स थे। यह जानकारी अमेरिका और ब्रिटेन ने पिछले सप्ताह दी थी। हालांकि, रूस ने DDoS
हमलों में शामिल होने से इनकार किया है। यूक्रेन पर रूस की ओर से अन्य तरीकों से भी दबाव डाला जा रहा है। यूक्रेन पर रूस की सेना के हमले का खतरा भी बरकरार है। इस वजह से बहुत से देशों ने अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकलने की सलाह दी है।
सायबर हमलों में यूक्रेन के सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से Oschadbank स्टेट सेविंग बैंक और और Privat बैंक को निशाना बनाया गया था। हालांकि, ये हमले बड़े स्तर के नहीं थे। इस वजह से ज्यादा परेशानी नहीं आई। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की कई वेबसाइट्स पर हमला किया गया था, जिस वजह वे ब्लॉक हो गई थी। ऐसे सायबर हमलों में बड़ी संख्या में जंक डेटा पैकेट्स भेजे जाने से वेबसाइटें पहुंच से बाहर हो जाती हैं। दोनों बैंकों की वेबसाइटें अब पहले की तरह काम कर रही पिछले महीने भी यूक्रेन पर सायबर हमला हुआ था। इसके बाद नाटो देशों ने यूक्रेन के साथ सायबर वेलफेयर कोऑपरेशन डील कर हमलावरों को जवाब दिया था। यूरोपियन यूनियन ने भी कहा था कि वह यूक्रेन की मदद के लिए अपने संसाधन जुटा रहा है।
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