EPFO ने 2025 में PF ट्रांसफर, विड्रॉल, पेंशन और डिजिटल सर्विसेज से जुड़े कई नियमों में बड़े बदलाव किए हैं।
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2025 में Employees' Provident Fund Organisation यानी EPFO से जुड़े नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिनका सीधा असर नौकरीपेशा लोगों और पेंशनर्स पर पड़ेगा। इन बदलावों का मकसद PF से जुड़े कई प्रोसेस को आसान बनाना, डिजिटल एक्सेस बढ़ाना और क्लेम व सेटलमेंट में लगने वाला समय कम करना है। पासबुक देखने से लेकर PF ट्रांसफर, विड्रॉल नियम, पेंशन पेमेंट और पुराने पेनल्टी मामलों तक, लगभग हर अहम हिस्से में अपडेट देखने को मिला है। अगर आप नौकरी बदलते हैं, PF निकालने की योजना बना रहे हैं या पेंशन से जुड़े हैं, तो 2025 के ये EPF बदलाव आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।
EPFO ने Passbook Lite फीचर शुरू किया है, जिससे अब PF बैलेंस और लेनदेन की बेसिक जानकारी देखने के लिए अलग पासबुक पोर्टल पर जाने की जरूरत नहीं रहेगी। मेंबर पोर्टल पर ही एक सिंपल स्नैपशॉट मिल जाएगा, जिससे PF स्टेटस जल्दी और आसानी से चेक किया जा सकता है।
15 जनवरी 2025 से PF ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है। कई मामलों में अब पुराने या नए एम्प्लॉयर के अप्रूवल की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे जॉब स्विच करने वाले कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
EPFO ने विड्रॉल से जुड़े नियमों को रीवर्क किया है। अब मेंबर्स अपने एलिजिबल बैलेंस का 100 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं, हालांकि कम से कम 25 प्रतिशत रकम अकाउंट में रखना जरूरी होगा। पहले मौजूद 13 कैटेगरी को घटाकर अब तीन ग्रुप्स में बांट दिया गया है, जिससे समझना आसान हो गया है।
पहले जहां आंशिक PF विड्रॉल के लिए लंबी सर्विस जरूरी होती थी, अब न्यूनतम सर्विस पीरियड को घटाकर 12 महीने कर दिया गया है। इससे नए कर्मचारियों को भी जरूरत पड़ने पर PF निकालने का ऑप्शन मिलेगा।
Annexure K यानी ट्रांसफर सर्टिफिकेट अब मेंबर पोर्टल से सीधे PDF में डाउनलोड किया जा सकता है। पहले इसके लिए PF ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते थे। यह डॉक्यूमेंट जॉब बदलते समय PF ट्रांसफर और सर्विस हिस्ट्री ट्रैक करने में मदद करता है।
EPFO ने अपने अप्रूवल सिस्टम में बदलाव किया है। अब ज्यादा अधिकार असिस्टेंट PF कमिश्नर और जूनियर अधिकारियों को दिए गए हैं, जिससे क्लेम प्रोसेसिंग और अप्रूवल में लगने वाला समय कम होने की उम्मीद है।
यह स्कीम 1 नवंबर 2025 से लागू की गई है, जिसके तहत ऐसे कर्मचारियों को EPF में शामिल किया जा सकता है, जो 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच कवरेज से बाहर रह गए थे। घोषित अवधि के लिए कर्मचारी का PF योगदान माफ किया जाएगा, अगर पहले कटौती नहीं हुई थी।
EPF का पूरा पैसा निकालने के लिए अब 2 महीने की जगह 12 महीने का वेटिंग पीरियड तय किया गया है। वहीं EPS यानी पेंशन के फुल विड्रॉल के लिए यह अवधि 36 महीने कर दी गई है।
सरकार ने FY 2024-25 के लिए EPF पर सालाना 8.25 प्रतिशत ब्याज दर तय की है। यह PF को रिटायरमेंट सेविंग के लिए एक स्टेबल और भरोसेमंद ऑप्शन बनाए रखती है।
Vishwas Scheme के तहत पुराने PF पेनल्टी मामलों को कम दरों पर निपटाने का मौका दिया जा रहा है, ताकि लंबे समय से चल रहे डिस्प्यूट खत्म हो सकें। वहीं Centralised Pension Payment System के जरिए 1 जनवरी 2025 से पेंशन सीधे किसी भी बैंक अकाउंट में NPCI के जरिए क्रेडिट हो रही है, जिससे बैंक बदलने पर भी पेंशन में दिक्कत नहीं होगी।
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