Elon Musk का सबसे बड़ा प्रयोग, मोबाइल में सैटेलाइट से चलाएंगे इंटरनेट! अमेरिकी सरकार ने दिया 180 दिनों का टाइम

Satellite Internet : पायलट प्रोग्राम आयोज‍ित करने के लिए स्‍टारलिंक को 14 जून तक यानी 180 दिनों का टाइम दिया गया है।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 15 दिसंबर 2023 16:42 IST
ख़ास बातें
  • स्‍टारलिंक करने जा रही नया प्रयोग
  • सैटेलाइट से मोबाइल पर इंटरनेट चलाने का एक्‍सपेरिमेंट
  • अमेरिकी सरकार ने दिया 180 दिनों का टाइम

अगर मोबाइल में सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने का प्रयोग सफल होता है, तो कंपनी के लिए एक नया मार्केट खुल जाएगा।

Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ‘स्‍टारलिंक' (Starlink) के बारे में कौन नहीं जानता। पृथ्‍वी की निचली कक्षा में स्‍टारलिंक के सैटेलाइट्स का एक नेटवर्क तैयार किया जा चुका है, जिसके जरिए दुनिया के सुदूर इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाया जा रहा है। काफी वक्‍त से ऐसी खबरें हैं कि स्‍टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस जल्‍द मोबाइल डिवाइसेज में पहुंच सकती है। एलन मस्‍क की कंपनी अमेरिका में टी-मोबाइल के साथ समझौता कर चुकी है। T-mobile के यूजर्स को सबसे पहले फोन में सैटेलाइट से इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। 

अब PCMag की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका के फेडरल कॉम्‍पिटिशन कमिशन ने स्‍टारलिंक को टी-मोबाइल के फोन्‍स में सैटेलाइट कनेक्टिविटी का एक्‍सपेरिमेंट करने की इजाजत दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार, पायलट प्रोग्राम आयोज‍ित करने के लिए स्‍टारलिंक को 14 जून तक यानी 180 दिनों का टाइम दिया गया है। 

रिपोर्ट के अनुसार, स्‍पेसएक्‍स ने एक्‍सपेरिमेंट की इजाजत मांगी थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। फ‍िलहाल कंपनी फ‍िक्‍स्‍ड सैटेलाइट डिश के जरिए ब्रॉडबैंड यूजर्स को सैटेलाइट इंटरनेट मुहैया करा रही है। अगर मोबाइल में सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने का प्रयोग सफल होता है, तो कंपनी के लिए एक नया मार्केट खुल जाएगा। 

पिछले साल एक रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि स्‍टारलिंक और टी-मोबाइल ‘कवरेज एबव एंड बियॉन्ड' (Coverage Above and Beyond) नाम के एक प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही हैं। इसका मकसद टी-मोबाइल कस्‍टमर्स को हर जगह स्मार्टफोन कनेक्टिविटी प्रदान करना है। 

मौजूदा समय में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी एक बड़ी समस्‍या है। खासतौर पर ग्रामीण और सुदूर इलाकों में लोगों को नेटवर्क की परेशानी से जूझना पड़ता है। सिग्‍नल नहीं मिलने से लोग बाकी दुनिया से कट जाते हैं। एलन मस्‍क इस समस्‍या को हल करते हुए स्‍टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में एक और मील का पत्‍थर जोड़ना चाहते हैं। वह स्‍मार्टफोन्‍स में सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा लाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए अकेले अमेरिका में लगभग 500,000 वर्ग मील (1.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर) इलाके में किसी भी टेलिकॉम ऑपरेटर का नेटवर्क नहीं है। इन जगहों पर सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा लोगों को एक-दूसरे से कनेक्‍ट कर सकती है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Samsung का पहला ट्राईफोल्ड स्मार्टफोन Galaxy Z TriFold लॉन्च, 200MP कैमरा, 5600mAh बैटरी के साथ ऐसे हैं फीचर्स
#ताज़ा ख़बरें
  1. Maruti Suzuki ने पेश की e Vitara, 500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज 
  2. Redmi 15C 5G कल होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल डुअल रियर AI कैमरा
  3. iPhone में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल नहीं करेगी Apple!
  4. क्या होता है GPS Spooing? जिससे भारत के 7 बड़े एयरपोर्ट्स को बनाया गया था निशाना? यहां जानें
  5. Sanchar Saathi कैसे काम करता है? जानिए इसके 6 सबसे काम के फीचर्स
  6. Poco C85 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी AI कैमरा
  7. AI+ Laptap की लॉन्च टाइमलाइन का खुलासा, लैपटॉप जैसा एक्सपीरिएंस देगा ये टैबलेट!
  8. VinFast की भारत में जल्द इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने की तैयारी
  9. Vivo X300 vs OnePlus 15 vs Google Pixel 10: 80K में जानें कौन सा फोन है बेहतर
  10. OnePlus 15R और OnePlus Pad Go 2 का लॉन्च 17 दिसंबर को, यहां जानें कंफर्म्ड स्पेसिफिकेशंस और लाइव स्ट्रीमिंग डिटेल्स
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.