Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस
‘स्टारलिंक' (Starlink) के बारे में कौन नहीं जानता। पृथ्वी की निचली कक्षा में स्टारलिंक के सैटेलाइट्स का एक नेटवर्क तैयार किया जा चुका है, जिसके जरिए दुनिया के सुदूर इलाकों तक इंटरनेट पहुंचाया जा रहा है। काफी वक्त से ऐसी खबरें हैं कि स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस जल्द मोबाइल डिवाइसेज में पहुंच सकती है। एलन मस्क की कंपनी अमेरिका में टी-मोबाइल के साथ समझौता कर चुकी है। T-mobile के यूजर्स को सबसे पहले फोन में सैटेलाइट से इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी।
अब PCMag की
रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका के फेडरल कॉम्पिटिशन कमिशन ने स्टारलिंक को टी-मोबाइल के फोन्स में सैटेलाइट कनेक्टिविटी का एक्सपेरिमेंट करने की इजाजत दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार, पायलट प्रोग्राम आयोजित करने के लिए स्टारलिंक को 14 जून तक यानी 180 दिनों का टाइम दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, स्पेसएक्स ने एक्सपेरिमेंट की इजाजत मांगी थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। फिलहाल कंपनी फिक्स्ड सैटेलाइट डिश के जरिए ब्रॉडबैंड यूजर्स को सैटेलाइट इंटरनेट मुहैया करा रही है। अगर मोबाइल में सैटेलाइट इंटरनेट पहुंचाने का प्रयोग सफल होता है, तो कंपनी के लिए एक नया मार्केट खुल जाएगा।
पिछले साल एक
रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि स्टारलिंक और टी-मोबाइल ‘कवरेज एबव एंड बियॉन्ड' (Coverage Above and Beyond) नाम के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। इसका मकसद टी-मोबाइल कस्टमर्स को हर जगह स्मार्टफोन कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
मौजूदा समय में मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी एक बड़ी समस्या है। खासतौर पर ग्रामीण और सुदूर इलाकों में लोगों को नेटवर्क की परेशानी से जूझना पड़ता है। सिग्नल नहीं मिलने से लोग बाकी दुनिया से कट जाते हैं। एलन मस्क इस समस्या को हल करते हुए स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में एक और मील का पत्थर जोड़ना चाहते हैं। वह स्मार्टफोन्स में सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा लाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए अकेले अमेरिका में लगभग 500,000 वर्ग मील (1.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर) इलाके में किसी भी टेलिकॉम ऑपरेटर का नेटवर्क नहीं है। इन जगहों पर सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा लोगों को एक-दूसरे से कनेक्ट कर सकती है।