SpaceX ने Starlink इंटरनेट के लिए 53 और नए सैटेलाइट रॉकेट के माध्यम से धरती के ऑर्बिट में छोड़ दिए। कंपनी ने शुक्रवार को ये सैटेलाइट कैलिफॉर्निया से अंतरिक्ष में छोड़े हैं। सैटेलाइट्स को Falcon 9 रॉकेट लेकर गया था जिसने शाम 3 बजकर 7 मिनट पर वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से उड़ान भरी। कुछ मिनटों बाद ही फर्स्ट स्टेज पेसिफिक ऑशन में ड्रोनशिप पर लैंड हो गई और सेकंड स्टेज धरती के निचले ऑर्बिट में आगे बढ़ती रही।
SpaceX ने कुछ समय बाद ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी कि सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में स्थापित कर दिया गया है। Starlink स्पेस आधारित सिस्टम है जो एलन मस्क की कंपनी SpaceX सालों से तैयार करती आ रही है। इसका मकसद दुनिया के ऐसे हिस्सों तक इंटरनेट को पहुंचाना है जो कि अभी भी इंटरनेट की पहुंच के बाहर हैं।
कैलिफॉर्निया आधारित Hawthorne से स्पेस एक्स के सैकड़ों स्टारलिंक सैटेलाइट 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर धरती के निचले ऑर्बिट में चक्कर लगाते हैं। कंपनी ने हाल ही में घोषणा की थी कि इसकी इंटरनेट सर्विस अब दुनिया के 32 और नए देशों में उपलब्ध होगी। स्पेस एक्स ने उसका एक नक्शा भी शेयर किया था कि सर्विस कौन से देशों में उपलब्ध होगी। इनमें देशों को अलग अलग हिस्सों में बांटा गया था जिनमें लिखा हुआ था- उपलब्ध है, वेट लिस्ट में हैं, और जल्द ही आने वाली है।
यूरोप और अमेरिका के अधिकतर देश- 'उपलब्ध है' की लिस्ट में आते हैं। साउथ अमेरिका के कुछ देश वेटिंग लिस्ट में हैं, यानि अभी उन तक सर्विस पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। नए देश जो इसमें शामिल हुए हैं उनमें अधिकतर में 'कमिंग सून' (Coming Soon) वाली कैटिगरी में आते हैं। इनमें अफ्रीका, साउथ अमेरिका और साउथ व साउथ ईस्ट एशिया शामिल है।
Starlink की इंटरनेट सर्विस भारत समेत कई और देशों में आएगी। हालांकि, सर्विस को भारत में अभी तक कमर्शिअल लाइसेंस नहीं मिला है। स्पेस एक्स ने असल में 2021 में पूरी कवरेज के साथ भारत में सर्विस को लॉन्च करने की योजना बनाई थी। नए मैप में अभी तक उन देशों का नाम नहीं दिखाया गया है जहां पर सर्विस आने वाले समय में शुरू की जाने वाली है।